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मिस्र ने की अमेरिका द्वारा जेरुसलम को इजरायली राजधानी के रूप में मान्यता देने की निंदा

मिस्र के विदेश मंत्री ने बुधवार को एक बयान में कहा कि उनका देश अमेरिका द्वारा जेरुसलम को इजरायली राजधानी के रूप में मान्यता देने की निंदा करता है

मिस्र ने की अमेरिका द्वारा जेरुसलम को इजरायली राजधानी के रूप में मान्यता देने की निंदा
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काहिरा। मिस्र के विदेश मंत्री ने बुधवार को एक बयान में कहा कि उनका देश अमेरिका द्वारा जेरुसलम को इजरायली राजधानी के रूप में मान्यता देने की निंदा करता है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने इस बयान के हवाले से कहा कि मिस्र इसके साथ ही अमेरिकी दूतावास को जेरुसलम स्थानांतरित करने के फैसले को भी खारिज करता है।



अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को घोषणा की कि अमेरिका औपचारिक रूप से जेरुसलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देता है। उन्होंने साथ ही अमेरिकी दूतावास को तेल अवीव से जेरूसलम स्थानांतरित करने की प्रक्रिया तत्काल शुरू करने का आदेश दिया।



मिस्र ने कहा कि इस तरह के एकतरफा फैसलों से अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन होता है। साथ ही जोर देकर कहा कि ऐसे फैसले भले ले लिए जाएं लेकिन इससे जेरुसलम के एक कब्जा किए गए शहर की कानूनी स्थिति नहीं बदलेगी।

मिस्र ने अंतर्राष्ट्रीय कानून सहित 1967 के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संकल्प 242 के आधार पर जेरुसलम से संबंधित कई संकल्पों का उल्लेख किया, जिसमें जेरुसलम सहित 1967 में कब्जा किए गए इलाकों से इजरायल की वापसी की मांग की गई है।

बयान में कहा गया कि 1980 का संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का संकल्प 478 भी जेरुसलम पर कब्जा करने व इसे इजरायल की राजधानी के रूप में घोषित करने के प्रयास को खारिज करता है।

बयान में कहा गया कि मिस्र इस क्षेत्र की स्थिरता पर इस फैसले के संभावित परिणामों से बेहद चिंतित है, साथ ही चेताया कि इससे जेरुसलम की ऐतिहासिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक स्थिति को लेकर अरब और इस्लामिक लोगों की भावनाएं भड़केंगी।

बयान के अनुसार, इस निर्णय से फिलिस्तीन और इजरायल के बीच शांति प्रक्रिया के भविष्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि जेरुसलम इसके प्रमुख मुद्दों में से एक है।


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