गायों की सेवा में सहयोग के लिए छात्र बनाई ई-गोशाला
गायें जब दूध देना बंद कर देते हैं तो लोग उसे छोड़ देते या गौ शाला में छोड़ देते हैं, ऐसी स्थिति में गायों की देखभाल के लिए पैसे की जरुरत होती है

ग्रेटर नोएडा। गायें जब दूध देना बंद कर देते हैं तो लोग उसे छोड़ देते या गौ शाला में छोड़ देते हैं, ऐसी स्थिति में गायों की देखभाल के लिए पैसे की जरुरत होती है।
गायों की देखरेख के लिए सामाजिक संगठन के साथ लोग आए दिन सहयोग करते हैं, लोगों की सहयोग की भावना को देखते हुए जीएल बजाज कॉलेज के एक विद्यार्थी ने ई-गोशाला वेबसाइट बनाकर गोशाला को जोड़ना शुरू कर दिया है। जल्द ही जिले की भी गोशाला इससे कनेक्ट हो सकेंगी।
जीएल बजाज कॉलेज में इनफरमेशन टेक्नोलॉजी ब्रांच में तीसरे वर्ष के छात्र सार्थक वर्मा विभागाध्यक्ष डॉ. पी.सी. वशिष्ठ के निर्देशन में वेबसाइट बनाकर इसे अपने नाम जैसा सार्थक करने में जुटे हैं। पहले चरण में वेबसाइट से राजस्थान के भरतपुर डीग में जादखौर गोधाम गोशाला से जोड़ा गया हैं।
यहां करीब पांच हजार गाय पाली जाती हैं। वेबसाइट के माध्यम से बहुत सी गायों को सहायता पहुंचाकर उन्हें गोशाला भेजा जा चुका है। इसके अगले चरण में जिला गौतमबुद्धनगर समेत धीरे-धीरे अन्य जिलों की गोशाला से जोड़ा जाएगा। वेबसाइट में जानकारी भी दी जा रही है कि गोशाला में इन गायों से न केवल गौमूत्र, गोबर आदि से बनने वाले उत्पादों और दवाइयों की भी जानकारी दी गई है।
वेबसाइट में सार्थक ने आप्शन दिए हैं कि यदि घायल-बीमार गाय को देखकर कोई उसकी फोटो अपलोड करता है तो वेबसाइट से जुड़े वेटरनरी डॉक्टरों को इसकी सूचना अपने आप चली जाएगी। इस दौरान सामाजिक कार्य में सहयोग करने वाले डॉक्टर उसकी सहायता कर सकेंगे। वेबसाइट पर दान करने के लिए सभी तरह के आप्शन दिए गए हैं। जिनमें डेबिट-के्रडिट कार्ड, नेट बैंकिंग, ई-वॉलेट समेत कई अन्य आप्शन दिए हैं।
इनमें 100 रुपए लेकर दस हजार और उससे अधिक दान के आप्शन हैं। खास बात यह है कि अभी तक 12 लाख रुपये के दान में अधिकतर गुप्त दान लोगों ने किए हैं। छात्र ने बताया कि दान करने वाले गोशाला आकर देख भी सकते हैं कि उनके पैसे का क्या उपयोग जा रहा है।


