एनपीए की स्थिति में सुधार का प्रयास: सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार बैंकिंग क्षेत्र को मजबूत बनाने पर विशेष ध्यान दे रही

नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार बैंकिंग क्षेत्र को मजबूत बनाने पर विशेष ध्यान दे रही है और इसके लिए सबसे ज्यादा जोर गैर-निष्पादित परिसम्पत्तियों (एनपीए) की स्थिति में सुधार लाने पर दिया जा रहा है।
श्रीमती सीतारमण ने लोकसभा में आज वित्त विधेयक पर 15 घंटे से अधिक समय तक चली चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि बैंकों के लिए एनपीए की स्थिति सबसे ज्यादा चिंता का विषय है और सरकार इस स्थिति को ठीक करने के उपाय कर इसमें सुधार का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि इन उपायों का मकसद सिर्फ निवेश हासिल करना नहीं है बल्कि इसके माध्यम से पूरे बैंकिंग क्षेत्र में सुधार लाने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को केंद्र सरकार की तरफ से पूंजी उपलब्ध कराकर एनपीए को कम किया जा रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने बैंकों को 252982 हजार करोड़ रुपये दिए हैं जबकि बैंकों ने 66514 हजार करोड़ रुपये खुद जुटाए हैं। इस तरह से बैंकों के पास कुल राशि तीन लाख 19 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गयी है और यह प्रयास एनपीए कम करने में मददगार साबित होगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकों में एनपीए की स्थिति ऋण डूबने, भ्रष्टाचार, अनुशासन की कमी, व्यवस्था बनाए रखने में असफल रहने, निर्धारित नियमों का ठीक तरह से पालन नहीं करने जैसी कई वजह से उत्पन्न हुई। सरकार ने भी इस स्थिति को समझा इसलिए रिजर्व बैंक ने इसके लिए दिसम्बर 2015 में एक समिति का गठन किया। उन्होंने कहा कि इन सब स्थितियों के बावजूद सरकार का प्रयास अब बैंकों के एनपीए में कमी लाने का है और इस इस दिशा में प्रभावी तरीके से काम किया जा रहा है।


