शिक्षा का लक्ष्य नौकरी हासिल करने तक सीमित नहीं होना चाहिए: राष्ट्रपति रामनाथ कोविद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने आज यहां कहा कि शिक्षा का लक्ष्य सामान्य रूप से नौकरी हासिल करने तक सीमित नहीं होना चाहिए

सोलन। राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने आज यहां कहा कि शिक्षा का लक्ष्य सामान्य रूप से नौकरी हासिल करने तक सीमित नहीं होना चाहिए। छात्र अपने शिक्षा व कौशल का इस्तेमाल कर अपना उद्यम शुरू कर सकते हैं।
#PresidentKovind addresses 9th convocation of Dr Yashwant Singh Parmar University of Horticulture and Forestry in Solan, Himachal Pradesh; says enhancing income of farmers and development of rural India is our country’s top priority pic.twitter.com/o083SJnJgM
— President of India (@rashtrapatibhvn) May 21, 2018
हिमाचल प्रदेश के नौनी के पास डॉ. वाई.एस.परमार बागवानी व वानिकी विश्वविद्यालय के 9वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि देश की शीर्ष प्राथमिकता ग्रामीण भारत का विकास व किसानों की आय बढ़ाना है।
मैं यहाँ के प्रत्येक विद्यार्थी को हिमाचल प्रदेश के और पूरे भारत के किसानों का मित्र मानता हूँ। प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किसानों की सहायता करके ही आप सबका ज्ञान सार्थक सिद्ध होगा। आप सबकी सहायता के दायरे में आखरी गाँव का आखरी किसान भी शामिल होना चाहिए — राष्ट्रपति कोविन्द pic.twitter.com/mBvJZLcnLG
— President of India (@rashtrapatibhvn) May 21, 2018
उन्होंने कहा कि फल और सब्जी प्रसंस्करण के क्षेत्र में बहुत अधिक संभावना है। विश्वविद्यालय के स्नातक अपने ज्ञान और उद्यम के साथ देश-विदेश में उपभोक्ताओं को बेहतर खाद्य उत्पाद प्राप्त करने और किसानों को उनके उत्पादन का बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं।
उन्होंने छात्रों से कृषि क्षेत्र में अपना व्यापार लगाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं व पहलों का फायदा उठाने का आग्रह किया।
राष्ट्रपति ने उल्लेख किया कि विश्वविद्यालय को एशिया का पहला बागवानी विश्वविद्यालय होने का सम्मान मिला है।
सोलन क्षेत्र में आकर बाबा भलकू के असाधारण योगदान की याद आती है। शिमला में ‘बाबा भलकू रेल म्यूजियम’ की स्थापना की गई है। युनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल 112 वर्ष पुरानी कालका-शिमला रेलवे लाइन को बिछाने में ब्रिटिश इंजीनियरों को सफलता नहीं मिल पा रही थी — राष्ट्रपति कोविन्द
— President of India (@rashtrapatibhvn) May 21, 2018
उन्होंने कहा कि वानिकी व बागवानी में शोध हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी क्षेत्र के किसानों के लिए विशेष महत्व का है।
हिमाचल प्रदेश का मुख्य व्यवसाय कृषि है जिसमें राज्य की लगभग 70% काम-काजी आबादी को रोजगार प्राप्त होता है। देश की आबादी का लगभग 55% कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों मे लगा है। इसीलिए आज किसानों की आय में बढ़ोतरी और ग्रामीण क्षेत्र का विकास देश की प्राथमिकता है - राष्ट्रपति कोविन्द pic.twitter.com/3891wKvBAZ
— President of India (@rashtrapatibhvn) May 21, 2018
विश्वविद्यालय ने बीते तीन दशकों में राज्य में बागवानी और वानिकी की उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
यहाँ की दुर्गम पहाड़ियों में बाबा भलकू ने रेल ट्रैक का रास्ता सुझाया। ब्रिटिश इंजीनियरों ने भी उनके सुझावों को सम्मानपूर्वक स्वीकार किया। यह आधुनिक शिक्षा और स्थानीय जानकारी के प्रभावी संगम का अच्छा उदाहरण है — राष्ट्रपति कोविन्द
— President of India (@rashtrapatibhvn) May 21, 2018
‘डॉक्टर यशवंत सिंह परमार विश्वविद्यालय’ को एशिया का पहला हार्टिकल्चर विश्वविद्यालय होने का गौरव प्राप्त है। पिछले लगभग तीन दशकों के दौरान राज्य में हार्टिकल्चर और फोरेस्ट्री के विकास में इस विश्वविद्यालय का सराहनीय योगदान रहा है — राष्ट्रपति कोविन्द
— President of India (@rashtrapatibhvn) May 21, 2018
राष्ट्रपति ने कृषि क्षेत्र में अपनी शिक्षा का चुनाव करने के लिए छात्रों को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि वह मानते हैं कि इस विश्वविद्यालय का हर छात्र व शिक्षक हिमाचल प्रदेश व देश के अन्य भागों के किसानों का एक तकनीकी रूप से लैस दोस्त व साझीदार होगा।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पांच दिवसीय प्रवास पर इस समय पहाड़ी राज्य में हैं।


