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शिक्षा केवल डिग्री हासिल करने की नहीं, बल्कि सर्वांगीण विकास का माध्यम बने : योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षा केवल डिग्री हासिल करने की नहीं, बल्कि सर्वांगीण विकास का माध्यम बने

शिक्षा केवल डिग्री हासिल करने की नहीं, बल्कि सर्वांगीण विकास का माध्यम बने : योगी
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गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षा केवल डिग्री हासिल करने की नहीं, बल्कि सर्वांगीण विकास का माध्यम बने।

श्री योगी रविवार को जिले यहां जिले के महाराणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय जंगल धूसड़ में आयोजित समावर्तन संस्कार समारोह का उद्घाटन किया। इस मौके पर श्री योगी ने छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि व्यक्ति के जीवन में परिश्रम एवं पुरुषार्थ का कोई विकल्प नहीं होता है। महाविद्यालय से जो अच्छे गुण आपने सीखे हैं, उसे अंगीकृत करते हुए अपने जीवन को उन्नति की ओर आगे बढ़ायें।

उन्होंने कहा कि सुख-दुःख, लाभ-हानि की चिंता किये बगैर जब व्यक्ति जीवन संघर्ष में आगे बढ़ता है तो उसे निश्चित रूप से सफलता मिलती है। जीवन में सरलता का रास्ता अपनाकर हासिल की जाने वाली सफलता लम्बी दूरी तक काम नहीं दे पाती है, तात्कालिक सफलता का सुख तो मिलता है, लेकिन वह सुख यशस्वी नहीं बना पायेगा। हम सभी को जीवन में परिश्रम एवं पुरुषार्थ को समझना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा केवल डिग्री हासिल करने की नहीं, बल्कि सर्वांगीण विकास का माध्यम बने, इस दिशा में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद कार्य कर रही है। आजादी के बाद से 2017 तक अर्थात 70 वर्षों में पूर्वी उत्तर प्रदेश की अधिकांश आबादी में वोटिंग का अधिकार नहीं था और वे लोग खानाबदोश की ज़िन्दगी जी रहे थे। यहां के 54 वनटांगियां गांव हैं, जिन्हें कोई शासकीय लाभ नहीं मिल रहा था। उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए वनटांगिया गांव को राजस्व गांव का दर्जा भी प्रदेश सरकार द्वारा दिया गया है और उन्हें शासकीय सुविधा मिलनी प्रारम्भ हो गयी है। ग्रामीण स्वावलम्बन के लिए यह महाविद्यालय गांव एवं शहर का संगम स्थल है। यहां शिक्षा के साथ-साथ अन्य प्रशिक्षण एवं रचनात्मक गतिविधियों का केन्द्र स्थापित है।

श्री योगी ने कहा कि शिक्षा कर्तव्यों के साथ संवेदनाओं को जोड़ने की प्रेरणा देती है। मनुष्य में संवेदना का होना आवश्यक है अन्यथा वह पशु के समान होता है। डिग्री केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता से मजबूत होनी चाहिए।


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