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शिक्षा मंत्रालय ने स्कूली छात्रों के लिए व्यावसायिक शिक्षा और करियर मार्गदर्शन पर किया परामर्श

राष्ट्रीय शिक्षा नीति एनईपी के अनुसार व्यावसायिक शिक्षा को अगले दशक में सभी स्कूलों में एकीकृत करने की जरूरत है

शिक्षा मंत्रालय ने स्कूली छात्रों के लिए व्यावसायिक शिक्षा और करियर मार्गदर्शन पर किया परामर्श
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय शिक्षा नीति एनईपी के अनुसार व्यावसायिक शिक्षा को अगले दशक में सभी स्कूलों में एकीकृत करने की जरूरत है। इसके लिए शिक्षा मंत्रालय ने दिल्ली में यूनिसेफ और 'युवा' (वाईयूडब्लूएएएच) के सहयोग से स्कूली छात्रों के लिए 'व्यावसायिक शिक्षा और करियर मार्गदर्शन पर परामर्श' कार्यशाला का आयोजन किया है। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार ने कहा कि छात्र की पढ़ाई के वर्षो के दौरान औपचारिक व्यावसायिक प्रशिक्षण के माध्यम से कार्यबल को कुशल बनाने के क्षेत्र में भारत को अन्य देशों की बराबरी करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एनईपी 2020 ने ऐसे मुद्दों की पहचान की है और उपचारात्मक उपायों का सुझाव दिया है।

कुमार ने कहा कि एनईपी, 2020 के अनुसार, व्यावसायिक शिक्षा को अगले दशक में चरणबद्ध तरीके से सभी स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों में एकीकृत करने की जरूरत है। विषयों और पाठ्यक्रमों को कौशल-अंतर विश्लेषण और स्थानीय अवसरों की जरूरतों के आधार पर चुना जाएगा, ताकि यह मांग को पूरा करने में सक्षम हो सके। व्यावसायिक शिक्षा से जुड़ी निंदा को समाप्त करने और इसे आकांक्षात्मक बनाने के लिए सभी हितधारकों के ठोस प्रयासों की जरूरत होगी।

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जो ज्ञान व कौशल प्राप्ति के विभिन्न क्षेत्रों के बीच पारंपरिक पदानुक्रम और अलग-थलग रहने आदि समस्याओं को भी समाप्त कर देगा। यह कला और विज्ञान, पाठ्यचर्या और पाठ्येतर गतिविधियों एवं व्यावसायिक और शैक्षणिक धाराओं के बीच जटिल अलगाव को दूर करने में भी मदद करेगा। अकादमिक, पाठ्येतर और अनुभवात्मक शिक्षा के लिए क्रेडिट प्रदान करके, एनसीआरएफ औपचारिक शिक्षा प्रणाली छोड़ चुके छात्रों को उनके व्यावहारिक अनुभव के साथ उपयुक्त फ्रेमवर्क स्तर को जोड़ते हुए फिर से एकीकृत होने में भी मदद करेगा।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के आलोक में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का उद्देश्य छात्रों को क्लाउड कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निग, डेटा एनालिटिक्स, रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन, साइबर सिक्योरिटी आदि कौशल देकर सशक्त बनाना है। ऐसा किए जाने से छात्रों को व्यावसायिक स्नातक वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार किया जा सकेगा। वर्चुअल लैब स्थापित करने की जरूरत पर भी बल दिया गया, ताकि सभी छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाले व्यावहारिक और स्व-अनुभव तक समान पहुंच प्राप्त हो।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, दूसरे गोलमेज सम्मेलन में स्कूलों में करियर परामर्श की वर्तमान प्रणालियों, इनसे जुड़े तथ्यों और सर्वोत्तम तौर-तरीकों पर विचार-विमर्श किया गया। सचिव ने कहा कि समाधानों को स्कूलों के संदर्भ में करियर परामर्श के एक संस्थागत मॉडल के निर्माण पर ध्यान देना चाहिए और इसके लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता सहित तकनीकी नवाचारों का उपयोग करते हुए पैमाने, गति और स्थायित्व पर विचार करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि संसाधनों का मानचित्रण करने और उनका एक डेटाबेस बनाने की जरूरत है। करियर मार्गदर्शन और भौतिक हस्तक्षेप, जो स्कूलों में ही किए जा सकते हैं, की भूमिका पर भी चर्चा हुई।


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