Top
Begin typing your search above and press return to search.

शारीरिक शिक्षा के बिना शिक्षा अधूरी : जावड़ेकर

द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि शारीरिक शिक्षा के बिना शिक्षा अधूरी है। छात्रों को स्वस्थ और तंदुरुस्त रहने के लिए अपनी पसंद के व्यायाम करने चाहिए

शारीरिक शिक्षा के बिना शिक्षा अधूरी : जावड़ेकर
X

नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि शारीरिक शिक्षा के बिना शिक्षा अधूरी है। छात्रों को स्वस्थ और तंदुरुस्त रहने के लिए अपनी पसंद के व्यायाम करने चाहिए। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को नई दिल्ली में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला 'चिंतन शिविर' का उद्घाटन किया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "सरकार और शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे विभिन्न संगठनों को देश के सभी छात्रों को डिजिटल शिक्षा प्रदान करने लिए सामग्री डालने में सहयोग तथा सामान्य डिजिटल मंच तैयार करना चाहिए। शारीरिक शिक्षा के बिना शिक्षा अधूरी है। छात्रों को स्वस्थ और तंदुरूस्त रहने के लिए अपनी पसंद के व्यायाम, योग, एरोबिक्स करने चाहिए।"

कार्यशाला का उद्देश्य 21वीं सदी के भारत के लिए प्रासंगिक समग्र शिक्षा प्रदान करना और विभिन्न गैर सरकारी संगठनों, निजी क्षेत्र के मुख्य हितधारकों तथा व्यक्तियों को शिक्षा क्षेत्र के महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करने के लिए एकजुट करना है।

प्रकाश जावड़ेकर ने कार्यशाला आयोजित करने के लिए मंत्रालय के अधिकारियों को बधाई दी और कहा, "इसके जरिए हम एक दूसरे के बेहतरीन तरीके सीख सकते हैं। कार्यशाला मुख्यरूप से पांच विषयों- डिजिटल शिक्षा, जीवन कौशल शिक्षा, प्रायोगिक अध्ययन, शारीरिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा पर केंद्रित है।"

उन्होंने बताया कि आगामी वर्षो में देश भर के स्कूलों में 'ऑपरेशन डिजिटल बोर्ड' कार्य करने लगेगा। जावड़ेकर ने कहा कि जीवन कौशल शिक्षा तथा नैतिक शिक्षा आज के समय की आवश्यकता है और समग्र विकास के लिए व्यक्ति को अपने व्यवहार में इन्हें जरूर शामिल करना चाहिए।

मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री सत्येंद्र पाल सिंह ने कहा, "शिक्षा का ध्येय मनुष्य का संपूर्ण विकास और उसमें मानवता का भाव पैदा करना है। संपूर्ण विकास का मतलब मनुष्य का शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और आत्मिक विकास है। शारीरिक शिक्षा के जरिए मनुष्य का शारीरिक विकास किया जा सकता है वहीं गुणवत्तापरक शिक्षा से बुद्धिमत्ता प्राप्त की जा सकती है।"

मंत्री ने कहा, "हमें अपने बच्चों को जीवन के मूल्यों और शिक्षा के बारे में बताना चाहिए।"

जावड़ेकर ने 'स्कूली शिक्षा में बेहतरीन तौर-तरीके और आविष्कार' से जुड़े सार संग्रह तथा राज्यस्तरीय एनजीओ-सीएसआर पोर्टल 'शाला सारथी' का भी उद्घाटन किया।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it