Top
Begin typing your search above and press return to search.

सिसोदिया के बजट में शिक्षा, सेहत पर जोर 

दिल्ली सरकार ने 2018-19 के लिए 53000 करोड़ रुपए का बजट पेश करते हुए बताया कि इसमें राजस्व व्यय 43092 करोड़ रुपए है व पूंजी व्यय 9908 करोड़ है

सिसोदिया के बजट में शिक्षा, सेहत पर जोर 
X

- अनिल सागर

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने 2018-19 के लिए 53000 करोड़ रुपए का बजट पेश करते हुए बताया कि इसमें राजस्व व्यय 43092 करोड़ रुपए है व पूंजी व्यय 9908 करोड़ है। सरकार ने एक बार फिर शिक्षा क्षेत्र को अहमियत देते हुए 13997 करोड़ रुपए (26 प्रतिशत) धनराशि का प्रावधान किया है। इसके बाद स्वास्थ्य जगत को 13 प्रतिशत आबंटन करते हुए 6729 करोड़ रुपए, परिवहन योजनाओं के लिए 5145 करोड़ रुपए (10 प्रतिशत) राशि का प्रावधान रखा है।

सामाजिक कल्याण योजनाओं पर सरकार 4155 करोड़, शहरी विकास व आवास पर 3106 करोड़, जलापूर्ति पर 2778 करोड़, ऊर्जा पर 2190 करोड़ खर्च के अनुमान पेश किए। सरकार स्थापना व्यय में स्थानीय निकायों, भारत सरकार को ब्याज, मूलधन, जल, विद्युत सब्सिडी, डीटीसी घाटा पूरा करने पर 31 हजार करोड़ व विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों, पूंजी परियोजनाओं के क्रियान्वयन पर 22 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी।

सरकार केंद्रीय करों के भुगतान पर 1729 करोड़ खर्च करेगी और ऋण के ब्याज पर 2871 करोड़ दिए जाने का प्रस्ताव रखा है। वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने विधानसभा में बताया किकुल बजट 53,000 करोड़ रुपए का है और इसमें सरकार के अपने राजस्व से 42000 हजार करोड़ जुटाए जाएंगे। बाकी राशि में नॉन टैक्स राजस्व से 800 करोड़, कैपिटल प्राप्तियों से 3307 करोड़, केंद्रीय करों में हिस्सेदारी से 325 करोड़, सामान्य केंद्रीय सहायता से 450 करोड़, लघु बचत ऋण से 2924 करोड़ अन्य प्राप्तियों से सरकार को 675 करोड़ मिलेंगे। सरकार का दावा है कि आप सरकार ने तीन साल में 22 हजार करोड़ की वृद्घि की है क्योंकि2014-15 में 30,940 करोड़ रुपए का बजट था।

सर्दियों में प्रदूषण को लेकर हुई फजीहत के चलते 26 सूत्रीय ग्रीन बजट का प्रावधान, स्कूलों में सीसीटीवी, छात्राओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण, वाई फाई, स्वास्थ्य बीमा, शिक्षा, कौशल विकास के साथ साथ सरकार ने सड़क, अनधिकृत कालोनियों, सीवर पर विशेष ध्यान देने का ऐलान किया है। अरविंद केजरीवाल ने माना कि हमारी सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, न्यूनतम मजदूरी, कौशल आदि पर बड़े पैमाने पर काम किया है और बजट में सभी वर्गों, समाज के जरूरतमंद व्यक्ति पर ध्यान दिया है। बजट को देखें तो पता चलता है कि सरकार को केंद्र प्रायोजित योजनाओं में इस बार लगभग दोगुनी राशि मिल रही है। वर्ष 2017-18 में यह 1500 करोड़ थी जो इस वर्ष 3307 करोड़ हो चुकी है। केंद्र की सामान्य सहायता राशि भी 413 करोड़ रूपए से 450 करोड़ होगी।

सरकार ने शिक्षा में दो प्रतिशत, स्वास्थ्य में एक प्रतिशत बजट राशि बढ़ाई है तो वहीं परिवहन, शहरी विकास की मद में एक प्रतिशत कमी भी की है। सामाजिक कल्याण, जलापूर्ति योजनाओं में बीते साल के मुकाबले एक प्रतिशत की वृद्घि की है। राज्य सरकार इस साल ऊर्जा में भी चार प्रतिशत बजट खर्च करेगी जो कि पिछले साल पांच प्रतिशत था। वहीं केंद्र सरकार को भुगतान में भी एक प्रतिशत की कमी दिखती है।

उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि सरकार स्थानीय निकायों को 6903 करोड़ देगी साथ ही सड़कों को बनाने, मरम्मत पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it