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राजभवन, बीपीएससी से शिक्षा विभाग का टकराव, तुगलकी फरमान का परिणाम : सुशील मोदी

बिहार शिक्षा विभाग का राजभवन के बाद बिहार लोक सेवा आयोग से विवाद जारी है

राजभवन, बीपीएससी से शिक्षा विभाग का टकराव, तुगलकी फरमान का परिणाम : सुशील मोदी
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पटना। बिहार शिक्षा विभाग का राजभवन के बाद बिहार लोक सेवा आयोग से विवाद जारी है। इस बीच पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के तुगलकी फरमान की वजह से विभाग लगातार विवादों में बना हुआ है, लेकिन उन्हें नीतीश कुमार का संरक्षण प्राप्त है।

मोदी ने कहा कि कुलपति नियुक्ति के लिए समानान्तर विज्ञापन जारी करने सहित कई मुद्दों पर राजभवन से टकराव के बाद अब यह विभाग बिहार लोकसेवा आयोग (बीपीएससी) से लेटर-वार में उलझ गया है।

उन्होंने कहा कि आयोग के कामकाज में बाधा डाली जा रही है और आपत्ति करने पर उसे 'विवेकहीन' और 'मूर्खतापूर्ण' जैसे शब्दों में जवाब दिया जा रहा है। इस जंग से 1.70 लाख शिक्षकों नियुक्ति प्रक्रिया बाधित हो सकती है।

मोदी ने कहा कि सरकारी आयोग और शिक्षा विभाग के बीच लड़ाई घटिया स्तर पर उतरने से बिहार की बदनामी हो रही है। केके पाठक की कार्यशैली विवाद कर सुर्खियों में बने रहने की है, इसलिए वे किसी विभाग में टिक नहीं पाए।

मोदी ने कहा कि स्कूल के समय कोचिंग संस्थानों को बंद रखने और सरकारी स्कूलों में कम्प्यूटर की पढाई के लिए आउटसोर्सिग करने का आदेश भी शिक्षा विभाग का तुगलकी फरमान है, जिसमें किसी नियम-कानून का ध्यान नहीं रखा गया है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में अच्छी पढाई तो सुनिश्चित नहीं कर पाया, लेकिन बेहतर शिक्षा के लिए कोचिंग का सहारा भी छात्रों से छीन लेना चाहता है।


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