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ललित सुरजन की कलम से- वैमनस्य की राजनीति

'नरेन्द्र मोदी की निगाह में राहुल गांधी शहजादे हैं, लेकिन वे गुजरात में अपने ही मंत्री सौरभ पटेल के बारे में बात नहीं करते जो कि नवकुबेर अंबानी के दामाद हैं

ललित सुरजन की कलम से- वैमनस्य की राजनीति
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'नरेन्द्र मोदी की निगाह में राहुल गांधी शहजादे हैं, लेकिन वे गुजरात में अपने ही मंत्री सौरभ पटेल के बारे में बात नहीं करते जो कि नवकुबेर अंबानी के दामाद हैं। श्री मोदी अपनी पार्टी के इतिहास की भी जानबूझ कर अनदेखी कर देते हैं।

विजयाराजे सिंधिया क्या थीं? उनकी बेटियां वसुंधरा राजे और यशोधरा राजे क्या हैं? वसुंधराजी के बेटे दुष्यंत सिंह को किस श्रेणी में रखा जाएगा, और वसुंधराजी के मामा ध्यानेंद्र सिंह और मामी माया सिंह को?

मोदीजी के तर्क के अनुसार तो मेनका गांधी और उनके सुपुत्र वरुण गांधी को भी भाजपा में नहीं होना चाहिए और न ही प्रेमकुमार धूमल के बेटे अनुराग सिंह को। मोदीजी ने यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा को इस बार लोकसभा का टिकट क्यों दिया? मुझे और भी बहुत से उदाहरण याद आ रहे हैं, लेकिन कहां तक नाम गिनाएं! प्रश्न है कि श्री मोदी व उनके प्रशंसक समर्थक शीशे के घर में रहकर दूसरे के घर पत्थर क्यों फेंक रहे हैं।'

(देशबन्धु में 08 मई 2014 को प्रकाशित)
https://lalitsurjan.blogspot.com/2014/05/blog-post_7.html


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