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ललित सुरजन की कलम से- यात्रा वृत्तांत: उन्होंने बुखारा में तरबूज खरीदे

प्रधानमंत्री के साथ विदेश यात्रा करने के बारे में मेरा मानना है कि प्रधानमंत्री को पत्रकारों से परहेज नहीं करना चाहिए

ललित सुरजन की कलम से- यात्रा वृत्तांत: उन्होंने बुखारा में तरबूज खरीदे
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'प्रधानमंत्री के साथ विदेश यात्रा करने के बारे में मेरा मानना है कि प्रधानमंत्री को पत्रकारों से परहेज नहीं करना चाहिए। पत्रकारों के चयन के लिए एक पारदर्शी व्यवस्था बने और उन पत्रकारों को मौका मिले जो मेजबान देश के बारे में कुछ जानते-समझते हों तथा प्रधानमंत्री की यात्रा का राजनीतिक विश्लेषण करने में सक्षम हों।

विशेष विमान में जब कूटनयिक, विषय-विशेषज्ञ एवं पत्रकार साथ बैठेंगे तो उनकी चर्चाओं में ऐसे बिन्दु उभर कर आने की संभावना ऐसे बनी रहेगी जिनसे सरकार को अपने संवाद की दिशा निर्धारित करने में सहायता मिल सकेगी।

सजग पत्रकारों का उपयोग दुनिया भर की सरकारों ने ट्रेक-2 डिप्लोमेसी के लिए समय-समय पर किया है। ऐसी यात्राएं इस दिशा में भी भविष्य के लिए उपयोगी हो सकती हैं। बाकी तो मोदीजी प्रधानमंत्री हैं, वे जो चाहें सो करें!'

(देशबन्धु में 04 सितम्बर 2014 को प्रकाशित)

https://lalitsurjan.blogspot.com/2014/09/blog-post.html


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