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भारत सरकार का बड़ा फैसला : जीएसटी से जुड़े अपराधों की जांच कर सकेगी ईडी, मनी लॉन्ड्रिंग में दर्ज होगा मामला

फर्जी बिलिंग के जरिए कर चोरी रोकने के उद्देश्य से केंद्र ने जीएसटी नेटवर्क को धन शोधन निवारण अधिनियम के दायरे में ला दिया है

भारत सरकार का बड़ा फैसला : जीएसटी से जुड़े अपराधों की जांच कर सकेगी ईडी, मनी लॉन्ड्रिंग में दर्ज होगा मामला
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नई दिल्ली। फर्जी बिलिंग के जरिए कर चोरी रोकने के उद्देश्य से केंद्र ने जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के दायरे में ला दिया है।

इससे जीएसटीएन के भीतर कर चोरी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग-रोधी एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अधिक शक्ति मिलेगी।

सरकार ने एक राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से इस तरह की जांच में मदद करने के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के तहत ईडी और जीएसटीएन के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान को अधिसूचित किया।

अधिसूचना पीएमएलए की धारा 66(1)(iii) के तहत ईडी और जीएसटीएन के बीच जानकारी साझा करने के संबंध में है।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) कर चोरी रोकने को लेकर उत्साहित है।

सीबीआईसी के अध्यक्ष विवेक जौहरी ने पिछले महीने कहा था कि सरकार फर्जी बिलिंग और फर्जी चालान की प्रथा पर अंकुश लगाने और फर्जी व्यवसायों की पहचान करने के प्रति गंभीर है।

पीएमएलए को आतंकी फंडिंग और मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने के लिए अधिनियमित किया गया था।
अधिसूचना अब जीएसटी प्रावधानों के किसी भी उल्लंघन की जांच करने के लिए ईडी और जीएसटीएन के बीच जानकारी या सामग्री साझा करने की सुविधा प्रदान करेगी।


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