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इकबाल मिर्ची मामले में डीएचएफएल, सनब्लिंक के 14 ठिकानों पर ईडी के छापे 

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्प लिमिटेड (डीएचएफएल) व सनब्लिंक रियल एस्टेट प्रा. लि. के कार्यालयों और इसके प्रमोटरों के आवासों सहित 14 स्थानों पर छापे मारे

इकबाल मिर्ची मामले में डीएचएफएल, सनब्लिंक के 14 ठिकानों पर ईडी के छापे 
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मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्प लिमिटेड (डीएचएफएल) व सनब्लिंक रियल एस्टेट प्रा. लि. के कार्यालयों और इसके प्रमोटरों के आवासों सहित 14 स्थानों पर छापे मारे। यह छापेमारी अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के करीबी रहे इकबाल मिर्ची से संबंधित धनशोधन मामले में की गई है।

मिर्ची की 2013 में मृत्यु हो गई थी। ईडी ने 11 अक्टूबर को उसके दो सहयोगियों हारून यूसुफ और रंजीत सिंह बिंद्रा को गिरफ्तार किया था।

ईडी के एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि एजेंसी की कई टीमों ने 2010 के बाद से सनब्लिंक रियल एस्टेट को दिए गए 2,186 करोड़ रुपये के ऋण के संबंध में डीएचएफएल कार्यालय परिसर और इसके प्रवर्तकों के परिसरों की तलाशी ली।

सूत्र के अनुसार, डीएचएफएल का कथित रूप से सनब्लिंक रियल एस्टेट के साथ व्यावसायिक संबंध है।

वित्तीय जांच एजेंसी ने मंगलवार को मुंबई की एक अदालत को बताया कि डीएचएफएल द्वारा सनब्लिंक रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को तीन संपत्तियों पर 2,186 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया था, जो इकबाल मिर्ची मामले में जांच के दायरे में हैं।

सूत्र ने बताया, "रंजीत बिंद्रा को 11 अक्टूबर को गिरफ्तार करने के बाद उसके बयान दर्ज किए गए। उसने सनब्लिंकरियल एस्टेट प्रा. लि. की तरफ से दलाल के तौर पर उक्त तीन संपत्तियों के संबंध में लंदन में मिर्ची के साथ बैठकों और आगे की बातचीत को स्वीकार किया है।"

बिंद्रा के अलावा ईडी ने एक संदिग्ध ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष हारून यूसुफ को भी गिरफ्तार किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी के अनुसार, बिंद्रा ने जमीन सौदे के लिए एक दलाल के रूप में काम किया, जबकि यूसुफ ने एक ट्रस्ट को पैसे हस्तांतरित किए और सौदे को आसान बनाया।

एजेंसी ने पाया कि यूसुफ 2004 में ब्रिटिश नागरिक बन गया और उसने मिर्ची और डेवलपर्स के बीच अवैध भूमि सौदों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

एजेंसी अब ऋण से संबंधित डीएचएफएल के दस्तावेजों की जांच कर रही है।

ईडी ने जांच के दौरान पाया कि कंपनी ने सनब्लिंक को 2010 में ऋण देना शुरू किया था।

ईडी इस बात की जांच कर रही है कि क्या सनब्लिंक द्वारा नौ साल की अवधि में इकबाल मिर्ची के खातों में कथित रूप से 2,186 करोड़ रुपये विदेशों में भेजे गए। डीएचएफएल का हालांकि कहना है कि वह किसी भी गलत काम में शामिल नहीं रहा।


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