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ईडी ने 263 करोड़ रुपये के टीडीएस घोटाले में एक और गिरफ्तारी की

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुंबई जोनल कार्यालय ने 263 करोड़ रुपये के स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) घोटाले में एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया है

ईडी ने 263 करोड़ रुपये के टीडीएस घोटाले में एक और गिरफ्तारी की
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नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुंबई जोनल कार्यालय ने 263 करोड़ रुपये के स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) घोटाले में एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। विशेष पीएमएलए अदालत ने आरोपी को ईडी की हिरासत में भेज दिया।एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। इससे पहले इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें तानाजी मंडल अधिकारी, भूषण पाटिल और राजेश शेट्टी शामिल हैं, जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

आरोपी की पहचान राजेश बृजलाल बटरेजा के रूप में हुई, जिसे 16 मई को मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया था।

अधिकारी ने कहा कि बत्रेजा ने 55.5 करोड़ रुपये के अपराध की आय (पीओसी) के एक हिस्से को भारत के बाहर भेजने और दुबई से निवेश की आड़ में पीओसी के एक हिस्से को भारत में दो संस्थाओं में राउंड-ट्रिप करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

वित्तीय जांच एजेंसी ने धोखाधड़ी से आयकर विभाग का 263.95 करोड़ रुपये टीडीएस रिफंड जारी करने के लिए तानाजी मंडल अधिकारी और अन्य के खिलाफ आईपीसी, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1986 की विभिन्न धाराओं के तहत सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी।

एजेंसी ने एक बयान में कहा, "ईडी की जांच से पता चला है कि बत्रेजा ने अधिकारी को 55.5 करोड़ रुपये के पीओसी को तीन शेल कंपनियों में ट्रांसफर करने में मदद की, ताकि इसे हवाला चैनल के जरिए भारत के बाहर भेजने के लिए नकदी में बदला जा सके।"

इसमें यह भी कहा गया है कि बत्रेजा ने अपराध की आय को छुपाने में भी अधिकारी की मदद की और बाद में इसे बेदाग दिखाने के लिए दुबई में एक स्थानीय व्यक्ति की मदद से फर्मों को शामिल करके रकम की हेराफेरी की।

कहा गया है, "जांच से यह भी पता चला है कि राजेश बृजलाल बत्रेजा ने सीमा पार रेमिटेंस करके शेयर निवेश की आड़ में मुंबई और गुरुग्राम स्थित दो भारतीय कंपनियों में निकाले गए पीओसी का कुछ हिस्सा निवेश किया है।"

इससे पहले इस मामले में अब तक 168 करोड़ रुपये की अचल/चल संपत्तियों की पहचान की गई है और उन्हें जब्त/कुर्क किया गया है।

अधिकारी और 10 अन्य के खिलाफ 11 सितंबर को अभियोजन शिकायत भी दायर की गई है, जिसका संज्ञान विशेष पीएमएलए कोर्ट ने भी लिया है।


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