ईडी ने कतर से जुड़े आरोपी की 88 लाख रुपये की संपत्ति जब्त करने के निर्देश दिए
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में कतर से सुब्रह्मण्या श्रीनिवास पिन्नींती के भारत में 88 लाख रुपये के निवेश पर रोक लगा दी है

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में कतर से सुब्रह्मण्या श्रीनिवास पिन्नींती के भारत में 88 लाख रुपये के निवेश पर रोक लगा दी है और उसके निवेश को फ्रीज कर दिया है। ईडी ने एक बयान में कहा कि उसने अल मीरा कंज्यूमर गुड्स कंपनी, दोहा में खरीदार विभाग के प्रमुख पिन्नींती के खिलाफ 88 लाख रुपये की अपराध से संबंधित आय को फ्रीज करने के आदेश जारी किए हैं।
वित्तीय जांच एजेंसी के बयान में कहा गया है कि पिन्नींती के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत फ्रीज ऑर्डर के साथ कतर में अर्जित अपराध की आय के संबंध में 88 लाख रुपये के निवेश को फ्रीज कर दिया गया है।
एजेंसी ने कहा कि उसने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में सीथम्माधारा में उसके आवास पर छापेमारी के बाद आदेश पारित किया और पाया कि उसने राज्य के विजीनगरम और विशाखापत्तनम जिलों में अपने नाम पर तीन आवासीय भूखंडों का अधिग्रहण किया है।
एजेंसी ने कहा कि तीन भूखंडों (प्लॉट) का वर्तमान बाजार मूल्य लगभग 43 लाख रुपये आंका गया है।
ईडी ने कहा कि 15 जून को पिन्नींती के परिसरों की तलाशी नई दिल्ली में कतर दूतावास से प्राप्त अनुरोध पत्र (एलआर) पर आधारित थी।
इसने आगे कहा कि वित्तीय जांच एजेंसी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग जांच से पता चला है कि पिन्नींती ने अपने दोहा नेशनल बैंक खाते से संदिग्ध धन को एक्सिस बैंक और एचडीएफसी बैंक के साथ अपने भारतीय बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया था।
एजेंसी की ओर से जारी बयान में कहा गया है, जांच में पता चला है कि उसने इन फंडों में से 45 लाख रुपये अपनी पत्नी और स्वयं के नाम पर विभिन्न म्यूचुअल फंडों में निवेश किए हैं और उन्होंने कुछ जमीन से जुड़ी संपत्ति भी हासिल की है।


