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उप्र के विकास के लिये गठित किया जाय आर्थिक पुनर्निर्माण टास्कफोर्स: प्रियंका

कांग्रेस महासचिव प्रियका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश के आर्थिक पुनर्निर्माण के लिए अर्थशास्त्र और योजना निर्माण के जाने माने विशेषज्ञों की एक “आर्थिक पुनर्निर्माण टास्कफोर्स” गठित किये जाने की मांग क

उप्र के विकास के लिये गठित किया जाय आर्थिक पुनर्निर्माण टास्कफोर्स: प्रियंका
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लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश के आर्थिक पुनर्निर्माण के लिए अर्थशास्त्र और योजना निर्माण के जाने माने विशेषज्ञों की एक “आर्थिक पुनर्निर्माण टास्कफोर्स” गठित किये जाने की मांग की है।

श्रीमती वाड्रा ने गुरूवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा कि कोराेना महामारी से मजदूरों और छोटे उद्योगों की कमर तोड़ दी है । उन्होंने कहा कि राज्य के आर्थिक पुनर्निर्माण के लिए अर्थशास्त्र और योजना निर्माण के जाने माने विशेषज्ञों की एक आर्थिक पुनर्निर्माण टास्कफोर्स गठित की जाए। इस आपदा के साथ आने वाली आर्थिक सुनामी से मुकाबला करने के लिए इस टास्कफोर्स का काम आर्थिक पुनर्निमाण का रास्ता तैयार करना होगा।

उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी अपने साथ एक आर्थिक तबाही भी लेकर आई है। उत्तर प्रदेश का काँच उद्योग, पीतल उद्योग, कालीन उद्योग, बुनकरी, फ़र्नीचर उद्योग, चमड़े का उद्योग, होजरी उद्योग, डेयरी, मिट्टी बर्तन उद्योग, फिशरी-हेचरी उद्योग, अन्य घरेलू उद्योग सभी को तेज झटका लगा है। प्रदेश के लाखों बुनकरों की हालत अत्यंत खराब है। देश और राज्य में एक आर्थिक इमरजेंसी की स्थिति पैदा हो गई है।

कांग्रेस महासचिव ने पत्र में मुख्यमंत्री को आगाह किया है कि अभी भी बहुत मजदूर परिवारों को राशन व नकदी की किल्लत है। काफी मजदूरों का पंजीकरण न होने से उनको किसी भी राहत योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि बिना पंजीकृत मजदूरों को भी आर्थिक मदद की गारंटी की जाए। कई जगह राशन न मिलने की शिकायतें आ रहीं हैं । बिना राशनकार्ड धारकों को भी राशन देने की गारंटी दी जाए। राशन में चावल के साथ गेंहू, दाल, तेल, नमक और मसाला पाउडर भी दिया जाए।

श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि सक्रिय मनरेगा मजदूरों को फ्री में राशन मिल रहा है, यह सराहनीय पहल है। लेकिन उनको कोई आर्थिक राहत नहीं मिली है। उन्होंने पत्र में कहा है कि मनरेगा मजदूरों के लिए घोषित 611 करोड़ रुपया उनका पिछला बकाया था। अब जरूरी है कि मनरेगा मजदूरों के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा की जाए।


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