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चुनाव आयोग ने आर.के.नगर उपचुनाव 21 दिसंबर को कराए जाने की घोषणा की

निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को तमिलनाडु की डॉ.राधाकृष्णन नगर विधानसभा सीट पर 21 दिसंबर को उपचुनाव कराए जाने की घोषणा की।

चुनाव आयोग ने आर.के.नगर उपचुनाव 21 दिसंबर को कराए जाने की घोषणा की
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नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को तमिलनाडु की डॉ.राधाकृष्णन नगर विधानसभा सीट पर 21 दिसंबर को उपचुनाव कराए जाने की घोषणा की। इससे एक दिन दिन पहले निर्वाचन आयोग ने ऑल इंडिया अन्नाद्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के सत्तारूढ़ गुट को 'दो पत्ती' चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया। एआईएडीएमके सत्तारूढ़ गुट की अगुवाई मुख्यमंत्री के.पलनीस्वामी व उपमुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वम कर रहे हैं।

मतों की गणना व परिणामों की घोषणा 24 दिसंबर को की जाएगी। निर्वाचन आयोग ने कहा कि इसी दिन अरुणाचल प्रदेश के पक्के कासांग लिकाबाली, उत्तर प्रदेश के सिकंदरा और पश्चिम बंगाल के सबांग विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में भी उपचुनाव होंगे।

आर.के.नगर सीट पूर्व मुख्यमंत्री जे.जयललिता के 5 दिसंबर, 2016 को हुए निधन के बाद से रिक्त है। निर्वाचन आयोग इससे पहले आर.के.नगर के लिए निर्धारित 12 अप्रैल के उपचुनाव को रद्द कर चुका है। आयोग ने ऐसा मतदाताओं को बड़े स्तर पर रिश्वत दिए जाने के आरोपों के बाद किया था।

निर्वाचन आयोग ने कहा कि सोमवार से नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसी दिन अधिसूचना जारी की जाएगी।निर्वाचन आयोग के अनुसार, इन निर्वाचन क्षेत्रों के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 4 दिसंबर है व नामांकन वापस लेने की तिथि 7 दिसंबर है।

निर्वाचन आयोग ने कहा कि इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के साथ वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) का इस्तेमाल सभी चारों निर्वाचन क्षेत्रों में होगा।

निर्वाचन आयोग ने कहा कि इन जिलों में आदर्श चुनाव आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।मद्रास उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग को आर.के.नगर सीट पर 31 दिसंबर से पहले उपचुनाव कराने के निर्देश दिए थे।

पूर्व सांसद व प्रवक्ता के.सी.पलनीस्वामी ने आईएएनएस को बताया, "हम बड़े अंतर से उपचुनाव जीतेंगे और साबित करेंगे कि हम दिवंगत मुख्यमंत्री व पार्टी नेता जे.जयललिता के सच्चे उत्तराधिकारी हैं।"

उन्होंने उपचुनाव के लिए पार्टी के संभावित उम्मीदवार पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।एआईएडीएमके अप्रैल में दो भागों में बंट गई थी। इसमें एक गुट पन्नीरसेल्वम के व दूसरा गुट जेल में बंद वी.के. शशिकला व उनके भतीजे टी.टी.वी. दिनाकरन की अगुवाई में बना। पहले गुट ने ई.मधुसूदन व दूसरे गुट ने दिनाकरन को मैदान में उतारा था।

बाद में शशिकला गुट दो में भागों में विभाजित हो गई। इसमें से एक गुट का नेतृत्व पलनीस्वामी ने किया।पन्नीरसेल्वम व पलनीस्वामी गुट के एक साथ आने व निर्वाचन आयोग द्वारा 'दो पत्ती' चुनाव चिन्ह इन्हें आवंटित किए जाने के साथ एआईएडीएमके के नेताओं ने आईएएनएस से कहा कि मधुसूदन की जगह पर किसी दूसरे व्यक्ति को खोजने की जरूरत नहीं है।


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