पूर्वी निगम ने सी एंड डी वेस्ट प्लांट के लिए डीडीए से मांगी 7 एकड़ भूमि
बीते सालों के दौरान जितनी तेजी से राष्ट्रीय राजधानी का विकास हुआ है उतनी ही तेजी से लोगों की आबादी भी बढ़ी है जिसके चलते रिहायशी और व्यावसायिक भवनों की संख्या में इजाफा हो रहा है
नई दिल्ली, 5 अगस्त। बीते सालों के दौरान जितनी तेजी से राष्ट्रीय राजधानी का विकास हुआ है उतनी ही तेजी से लोगों की आबादी भी बढ़ी है जिसके चलते रिहायशी और व्यावसायिक भवनों की संख्या में इजाफा हो रहा है।
नतीजतन, दिल्ली में ठोस कचरा निपटान एक समस्या बन गया है। लिहाजा उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने रानीखेड़ा में कंस्ट्रक्शंस एंड डिमोलिशन (सी एंड डी) वेस्ट प्लांट लगाने की तैयारी कर ली है। जहां रोजाना 1500 मीट्रिक टन मलबा खपाया जा सकेगा।
निगमायुक्त पीके गुप्ता के मुताबिक यह निगम का दूसरा सी एंड डी वेस्ट प्लांट होगा जो निजी एंव सार्वजनिक क्षेत्र की भागीदारी (पीपीपी मॉडल) के तहत उत्तर-पश्चिम दिल्ली के रानीखेड़ा इलाके में करीब साढ़े तीन एकड़ भूमि पर विकसित किया जाएगा।
जो स्थायी समिति से मंजूरी मिलने के बाद अगले छह महीने में कार्य शुरू कर देगा। यहां सिविल लाइन्स जोन, नरेला और रोहिणी जोन इलाके से निकलने वाला मलबा खपाया जा सकेगा। इसकी जिम्मेदारी आई ई आई एस एल को 15 सालों के लिए दी गई है जो बनाओ, चलाओ और हस्तांतरित करो आधार पर कार्य करेगी। इस संयंत्र की क्षमता 1000 मीट्रिक टन रोजाना है जिसे अगले एक साल में बढ़ाकर 1500 मीट्रिक टन रोजाना कर दिया जाएगा।
संयंत्र में विभिन्न प्रकार के निर्माण कार्यों एंव तोड़फोड़ के बाद उत्पन्न मलबे से रोड़ी, टाइल्स, मिक्स सी एंड डी वेस्ट (बदरपुर/बजरी) और ईंटों का निर्माण किया जाएगा। वहीं, मिक्स सी एंड डी वेस्ट से आरएमसी (रेडी टू मिक्स) की सड़कें बनाने में आसानी होगी।
गौरतलब है कि इससे पूर्व उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी (जहांगीरपुरी) में भी एक ऐसा ही प्लांट कार्य कर रहा है जहां रोजाना 2000 मीट्रिक टन मलबा खपाया जा रहा है। उधर, पूर्वी दिल्ली के शास्त्री पार्क में भी सी एंड डी वेस्ट प्लांट लगाया जा चुका है जहां रोजाना 500 मीट्रिक टन मलबे से विभिन्न प्रकार की निर्माण सामग्रियां तैयार की जा रही हैं।
जल्द ही इसकी क्षमता 500 मीट्रिक टन और बढ़ाई जा सकती है। इसके लिए पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने शास्त्री पार्क सी एंड डी वेस्ट प्लांट के निकट स्थित 7 एकड़ भूमि की मांग दिल्ली विकास प्राधिकरण से की है।


