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पहले सिर्फ वादे किए और अब आलोचना कर रहे हैं भाजपा नेता - कमलनाथ

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य में पंद्रह वर्षों तक राज करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आज हमला बोलते हुए

पहले सिर्फ वादे किए और अब आलोचना कर रहे हैं भाजपा नेता - कमलनाथ
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झाबुआ । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य में पंद्रह वर्षों तक राज करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आज हमला बोलते हुए कहा कि उसने सत्ता में रहने के दौरान लोगों से सिर्फ वादे कर उन्हें ठगा और अब विपक्ष में आने पर उसके नेता 'आलोचना की राजनीति' कर रहे हैं।

कमलनाथ ने गुजरात की सीमा से सटे आदिवासी बहुल झाबुआ जिला मुख्यालय पर जनसभा को संबोधित किया। इस अवसर पर जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा, पर्यटन मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल, कृषि मंत्री सचिन यादव और वरिष्ठ आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया भी मौजूद थे।
कमलनाथ ने झाबुआ में शीघ्र ही होने वाले विधानसभा उपचुनाव की ओर इशारा करते हुए कहा कि यहां की जनता भाजपा के पंद्रह सालों और कांग्रेस के आठ माह के शासन की तुलना कर ले। उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस को सत्तारुढ़ हुए मात्र आठ माह ही हुए हैं। इस दौरान कांग्रेस ने अपनी नीति और नीयत का परिचय दिया है। कांग्रेस ने वचनपत्र में दिए गए वचनों को एक एक कर पूरा करने की शुरूआत कर दी है। उन्होंने कहा कि किसानों की कर्जमाफी के अलावा बिजली, पेंशन और अन्य वचनों को ध्यान में रखकर सरकार ने कदम उठाए हैं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा ने अपने शासनकाल में सिर्फ हजारों घोषणाएं कीं। कांग्रेस ने जब सत्ता संभाली तो राज्य की तिजोरी खाली मिली। वहीं भाजपा के शासनकाल में प्रदेश किसानों की आत्महत्या, महिलाओं पर अत्याचार और बेरोजगारी आदि में देश में नंबर वन था। कांग्रेस ने सत्ता में आते ही चुनौतियों से निपटने के साथ प्रदेश को पटरी पर लाने और अपने वचनों को क्रमवार पूरा करने का कार्य शुरू किया।

श्री कमलनाथ ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में राज्य में कृषि के साथ ही सबसे बड़ी चुनौती युवाओं को रोजगार मुहैया कराने की है। लेकिन रोजगार घोषणाओं से नहीं मिलेंगे। युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए राज्य में निवेश लाना होगा। यह निवेश विश्वास का वातावरण बनने पर आएगा। आर्थिक गतिविधियां बढ़ने पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। राज्य सरकार इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर कार्य कर रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लेकिन विपक्ष में बैठी भाजपा को यह सब रास नहीं आ रहा, इसलिए वह राज्य सरकार की आलोचनाओं का कोई अवसर छोड़ना नहीं चाहती है और आलोचना की राजनीति कर रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले पंद्रह सालों के दौरान राज्य में निवेश तो आया नहीं, उल्टे पुराने उद्योग बंद हुए हैं।

श्री कमलनाथ ने कहा कि भाजपा नेताओं के आने वाले दो माह बाद भाषण बंद हो जाएंगे और उनके झंडे भी उतर जाएंगे। क्योंकि दो माह बाद चुनाव (झाबुआ विधानसभा उपचुनाव) हो जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता सरकार के खिलाफ बयानबाजी चुनाव के कारण ही कर रहे हैं।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस की विचारधारा में प्राथमिकताएं आदिवासी, किसान, कमजोर वर्ग और नौजवान हैं। वहीं भाजपा बड़े ठेकेदारों और व्यापारियों के बारे में सोचती है। उन्होंने कहा कि गरीब आदिवासियों को भी यह बात समझना चाहिए। कांग्रेस और भाजपा की सोच में मुख्य अंतर यही है।

उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय से कांग्रेस को एक बार फिर समर्थन देने का अनुरोध करते हुए कहा कि उनकी सरकार झाबुआ अंचल के गांव गांव की समस्याएं सुलझाएगी। इस अंचल के आदिवासी संदेश दे सकते हैं कि वे भोलेभाले अवश्य हैं, पर मूर्ख नहीं हैं।


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