एफडीआई नीति का ई. कॉमर्स कंपनियां कर रही है उल्लंघन: व्यापारी परिसंघ
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को एक पत्र लिखा गया है और जल्दी ही परिसंघ का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मुलाकात भी करेगा।

नई दिल्ली । लगभग सात करोड खुदरा व्यापारियों के संगठन अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट) ने आगामी त्योहारों के अवसर पर ई. कॉमर्स कंपनियों अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट की ‘फेस्टिवल सेल’ पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इस तरह की बिक्री और उस पर छूट देना प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति 2018 का स्पष्ट उल्लंघन है।
परिसंघ के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने आज यहां एक संवददाता सम्मेलन में बताया कि इस मामले को लेकर केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को एक पत्र लिखा गया है और जल्दी ही परिसंघ का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मुलाकात भी करेगा। पत्र में ई. कॉमर्स कंपनियों की इस तरह से बिक्री प्रणाली पर रोक लगाने की मांग की गयी है।
श्री खंडेलवाल ने आरोप लगाया कि ये कंपनियां सरकार की एफडीआई नीति का उल्लंघन कर रही हैं। एफडीआई नीति के प्रमुख प्रावधानों के अनुसार ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस मॉडल में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है और जिसके तहत ई-कॉमर्स कंपनियां तकनीकी प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य कर सकती हैं। ई-कॉमर्स इकाइयाँ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उत्पादों की कीमतों को प्रभावित नहीं करेंगी और बाज़ार में प्रतिस्पर्धा के स्तर को बनाए रखेंगी।
उन्होंने कहा कि अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट समेत सभी ई. कॉमर्स कंपनियों काे केवल ‘बी टू बी’ व्यापार की अनुमति दी गई है। लेकिन ये कंपनियां उपभोक्ताओं को आकर्षित करने वाले बड़े विज्ञापन दे रही है। चूंकि ये ई कॉमर्स कंपनियां बिकने वाले सामान की मालिक नहीं हैं इसलिए वे उपभोक्ताओं को छूट नहीं दे सकती है। छूट की पेशकश करके ये कंपनियां कीमतों को प्रभावित कर रही है जो एफडीआई नीति का स्पष्ट उल्लंघन है।


