1 फरवरी से अंतरराज्यीय माल परिवहन पर ई वे बिल लगेगा
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत एक राज्य से दूसरे राज्य में माल के परिवहन पर एक फरवरी से ‘ई वे बिल’ लगेगा और एक जून 2018 से यह एक ही राज्य के भीतर माल परिवहन पर भी लागू होगा।

नयी दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत एक राज्य से दूसरे राज्य में माल के परिवहन पर एक फरवरी से ‘ई वे बिल’ लगेगा और एक जून 2018 से यह एक ही राज्य के भीतर माल परिवहन पर भी लागू होगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की आज वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये हुयी बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में ई वे बिल पर चर्चा की गयी। जब तक राष्ट्रीय ई वे बिल तैयार होगा तब तक राज्यों को अपने ई वे बिल प्रणाली को जारी रखने की अनुमति दी गयी है। परिषद ने राष्ट्रीय स्तर पर ई वे बिल तंत्र को लागू करने के लिए आवश्यक हार्डवेयर और साफ्टवेयर की तैयारियों की समीक्षा की और सभी राज्यों के साथ चर्चा के बाद ये निर्णय लिये गये।
कारोबारियों और ट्रांसपोर्टरों ने राष्ट्रीय स्तर पर ई वे बिल को लागू करने की आवश्यकता बताते हुये अपने ज्ञापन में कहा था कि माल के अंतरराज्यीय परिवहन में बहुत कठिनाई आ रही है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि 16 जनवरी 2018 से राष्ट्रीय स्तर पर ई वे बिल का परीक्षण के तहत परिचालन शुरू किया जायेगा और कारोबारी एवं ट्रांसपोर्टर उसी दिन से अपनी स्वेच्छा से इस तंत्र का उपयोग कर सकेंगे। एक फरवरी से इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने का निर्णय लिया गया है और इस संबंध में अधिसूचना जारी की जायेगी। इससे बगैर किसी की बाधा के एक राज्य से दूसरे राज्य में माल परिवहन हो सकेगा।
16 जनवरी से अंतरराज्यीय और राज्य के भीतर के लिए ई वे बिल बनाने का तंत्र तैयार हो जायेगा लेकिन राज्य एक जून 2018 तक राज्य के भीतर माल परिवहन के लिए इस तंत्र को अपना सकते हैं। कुछ राज्य अंतरराज्यीय माल परिवहन के लिए ई वे बिल के साथ ही राज्य के भीतर भी इस बिल को जारी करने की स्थिति में क्योंकि उनका तंत्र तैयार है। लेकिन हर हाल में अंतरराज्यीय और राज्य के भीतर माल परिवहन के लिए एक जून से ई वे बिल लागू हो जायेगा।


