डूसू : अधिकतम विद्यार्थियों तक पहुंचने में जुटे उम्मीदवार
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के लिए एनएसयूआई के अध्यक्ष पद पर उतारे गए उम्मीदवार को बदले जाने के बाद अब शहीद भगत सिंह कॉलेज की अल्का ने प्रचार शुरू कर दिया है

नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के लिए एनएसयूआई के अध्यक्ष पद पर उतारे गए उम्मीदवार को बदले जाने के बाद अब शहीद भगत सिंह कॉलेज की अल्का ने प्रचार शुरू कर दिया है। वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने अपना प्रचार अभियान तेज करते हुए गुरूवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तरी व दक्षिणी परिसर स्थित कॉलेजों में प्रचार किया। इसके लिए परिषद की ओर से डूसू उम्मीदवारों की दो टीमें तथा अन्य कार्यकर्ताओं की बारह प्रचार टीमों ने कमान थामी।
चुनाव प्रचार के लिए छात्रसंघ पदाधिकारियों की दो टीमें प्रचार करने की रणनीति को कारगर कर रही हैं। इसमें एबीवीपी के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी रजत चौधरी और संयुक्त सचिव पद के प्रत्याशी उमा शंकर की एक टीम ने नार्थ कैंपस के कॉलेजों में छात्रों के मध्य अपना एजेण्डा रखा। एबीवीपी के अध्यक्ष प्रत्याशी रजत चौधरी ने कहा कि एबीवीपी ही एक मात्र ऐसा छात्र संगठन है जो पूरे साल छात्रों की समस्याओं के निराकरण के लिए काम करता है। अध्यक्ष पद पर एनएसयूआई ने रॉकी तुसीद को मैदान में उतारा था लेकिन दाखिले में गड़बड़ी का हवाला देते हुए डीयू प्रशासन ने उन्हें हरी झंडी नहीं दी। इसके बाद ही अल्का को उतारा गया है और आज से सभी उम्मीदवारों प्रचार को तेज कर दिया है। उपाध्यक्ष पद पर एनएसयूआई ने कुनाल सहरावत,सचिव पद के लिए मीनाक्षी मीणा, संयुक्त सचिव पद लॉ फैकल्टी के अविनाश यादव को उतारा है।
दूसरी ओर आइसा ने आज डूसू के मुख्य चुनाव पदाधिकारी को ज्ञापन देकर चुनाव में धांधलियों का आरोप लगाया और कहा कि एनएसयूआई और एबीवीपी के उम्मीदवार न केवल प्रिंटेड सामग्री का बांट रहे हैं बल्कि उनके पूरे कैंपस में प्रचार सामग्री को कूड़े की तरह फैलाया हुआ है।
आइसा के सचिव उम्मीदवार जयश्री भारद्वाज को कॉलेज में प्रचार के लिए घुसने नहीं दिया।
आइसा पदाधिकारियों ने कहा कि डूसू चुनाव अधिकारी से अनुरोध किया है कि बहुत सारे छात्र, विशेष रूप से प्रथम वर्ष के छात्रों को आईडी कार्ड नहीं मिले हैं, डूसू चुनाव कार्यालय सभी कॉलेजों को निर्देश जारी करे कि फी स्लिप के आधार पर छात्रों को वोट करने दिया जाये। उन्होंने कहा कि कम मतदान का कारण आईकार्ड न होना भी है। साथ ही रजत चौधरी पर धमकी देने व महामेधा नागर द्वारा हमला करने के आरोपों के कारण के नामांकन रद्द करने की मांग की है।


