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संप्रग सरकार के दौरान भारत में कारोबार करना सबसे मुश्किल

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कांग्रेस पर हमला बोलते हुए इज ऑफ डूइंग बिजनेस (व्यापारिक सुगमता) की रैंकिंग में भारत द्वारा 23 पायदान की छलांग लगाने की सराहना की

संप्रग सरकार के दौरान भारत में कारोबार करना सबसे मुश्किल
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नई दिल्ली। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कांग्रेस पर हमला बोलते हुए इज ऑफ डूइंग बिजनेस (व्यापारिक सुगमता) की रैंकिंग में भारत द्वारा 23 पायदान की छलांग लगाने की सराहना की। उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान भारत में कारोबार करना सबसे मुश्किल था, लेकिन अब देश उस दौर से काफी आगे निकल चुका है।

अरुण जेटली ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा कि इस सूची में 142वें पायदान पर भारत की स्थिति की विरासत प्राप्त होने के बावजूद नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने सिलसिलेवार सुधार कार्यक्रमों की बदौलत इस सूची में 65 अंक की तरक्की के साथ अपने चार साल के कार्यकाल में भारत को 77वें पायदान पर पहुंचाया।

उन्होंने कहा कि कुछ खास क्षेत्रों पर ध्यान देने से भारत की रैंकिंग में आगे और सुधार आएगा। उन्होंने कहा कि कारोबार की शुरुआत, ऋणशोधन अक्षमता समाधान, कर भुगतान और अनुबंधों पर अमल करने से रैंकिंग में सुधार आएगा। उन्होंने कहा कि इस रैंकिंग के शीर्ष 50 देशों में शामिल होने के प्रधानमंत्री के लक्ष्य को हासिल करने के लिए विशेष कोशिश करनी होगी।

जेटली का यह बयान विश्व बैंक की इज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट-2019 के आने के एक दिन बाद आया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत इज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में 100वें पायदान से 23 स्थान की छलांग लगाकर 77वें पायदान पर आ गया है।

जेटली ने कहा, "संप्रग के दस साल के कार्यकाल के दौरान भारत में व्यापक भ्रष्टाचार, नीतिगत पंगुता का माहौल था और सुधार कार्य को पूर्ण रूपेण छोड़ दिया गया था। संप्रग-2 के पांच साल के कार्यकाल में भारत की वैश्विक रैंकिंग 134,132,132,134 और आखिर में 142 पर आ गई थी।"

उन्होंने कहा, "यह संप्रग सरकार की दयनीय पिछली उपलब्धियां थीं। भारत में कारोबार करना सबसे मुश्किल हो गया था। निवेशक भारत आने से घबराते थे। निवेशक भारत से अपने पैसे निकालकर बाहर जा रहे थे।"


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