पश्चिम बंगाल में आज से हुई दुर्गा पूजा उत्सव की शुरुआत
पश्चिम बंगाल में आज से दुर्गा पूजा उत्सव की शुरुआत हो गई

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में आज से दुर्गा पूजा उत्सव की शुरुआत हो गई। इस अवसर पर यहां लोग आनंद में सराबोर नजर आए। 'षष्ठी' या 'बोधन' के दिन देवी दुर्गा की मूर्तियों का स्वागत किया जाता है और इस दिन से पांच दिनों की पूजा शुरू होती है।
इस दौरान देश का यह पूर्वी महानगर ढाक(ड्रम) के ताल और धूप की खुशबू के बीच मां दुर्गा का स्वागत करता है।
यहां और विभिन्न जिलों में कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच उम्र और वर्ग की सीमा से परे नागरिक और पर्यटक 'पूजा परिक्रमा' के लिए गलियों पर उतरे और विभिन्न पूजा पंडालों में मां दुर्गा के दर्शन किए। इसके लिए पश्चिम बंगाल यातायात विकास निगम ने भी विशेष इंतजाम किए हैं।
इस बीच 'शरदोत्सव' के शुरू होते ही चक्रवाती तूफान तितली भी सही समय पर वापस चला गया। यहां बारिश के भी कोई आसार नहीं हैं।
पूजा मुख्यत: षष्ठी और उसके बाद चार दिन -सप्तमी, अष्टमी, नवमी और दशमी- पांच दिनों का उत्सव होता है, जिस दौरान लोग नए कपड़े पहनकर पूजा पंडालों का दर्शन करते हैं। दोस्तों, परिजनों से मिलते हैं और पारंपरिक पकवान बनाते हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी अपने सोशल मीडिया संदेश के जरिए षष्ठी की शुभकामनाएं दी है।
'तिथि' के अनुसार, कई पूजा समुदायों में रविवार शाम से ही 'षष्ठी' की पूजा शुरू हो गई।
समुदाय पूजा पंडालों और घरों में इस दौरान कालपरमवो(पूजा की शुरुआत), बोधन(मां दुर्गा की मूर्ति का अधिष्ठापन), आमंत्रण(देवी का आमंत्रण), अधिवास(पूजा होने वाली जगह पर देवी का पवित्रीकरण) किया जाता है।


