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डे-बोर्डिंग के नाम पर नाबालिगों का शोषण

दल्लीराजहरा/डौण्डी ! केन्द्र व राज्य सरकारें देश में खेल प्रतिभावों को निखारने के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम करोड़ों रुपए खर्च कर रही हैं,

डे-बोर्डिंग के नाम पर नाबालिगों का शोषण
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कोच को बर्खास्त करने कलेक्टर से मांग
दल्लीराजहरा/डौण्डी ! केन्द्र व राज्य सरकारें देश में खेल प्रतिभावों को निखारने के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम करोड़ों रुपए खर्च कर रही हैं, ताकि गांवों व पिछड़े क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों को अपनी प्रतिभा निखारने का मौका मिल सके और इन्ही क्षेत्रों से निकलने वाले खिलाड़ी प्रदेश व देश का नाम रौशन कर सके । लेकिन व्यवस्था में मौजूद भ्रष्ट मानसिकता के लोग सरकार के सारे प्रयासों को पलीता लगाने का काम कर रहे है। इन्ही भ्रष्टाचारियों के चलते देश- प्रदेश के होनहार खिलाड़ी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने से वंचित रह जाते है। जिससे राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर हमारे खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने में पिछड़ जाते हैं। ऐसा ही एक मामला बीएसपी के फर्जी एथलेटिक्स क्लब में डे-बोडिऱ्ंग के नाम पर मिलने वाली तमाम सुविधाओं को हजम कर दिन भर नाबालिग लड़कियों से काम करवाने का मामला उजागर हुआ हैं। बिना रजिस्ट्रेशन संचालित की जा रही बीएसपी एथलेटिक्स क्लब में नाबालिक बच्चियों से बालश्रम की खबर उजागर होने पर नेशनल मैदान मेें आने वाले विभिन्न खेलों के कोच एवं राज्य खेल के पदाधिकारियों ने एैसे काम को अंजाम देने वाले एथलेटिक्स क्लब कोच सुदर्शन कुमार सिंह को बर्खास्त करने व उचित कार्यवाही करने की मांग बालोद जिला कलेक्टर राजेश सिंह राणा से की है।
राज्य शासन से लेकर जिला कलेक्टर तक खेल के प्रति बच्चों को प्रोत्साहित करते इस ओर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है इसी के तहत बालोद जिला कलेक्टर राजेश सिंह राणा ने स्वयं डौण्डी ब्लाक में शासन की खेल योजनाओं का लाभ खिलाडिय़ों एवं खेल प्रशिक्षकों तक पहुंचाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं वहीं दल्लीराजहरा में संचालित हो रहे फर्जी एथलेटिक्स क्लब के कोच सुदर्शन कुमार सिंह के द्वारा डे बोर्डिंग के नाम पर छोटे-छोटे बच्चियों से बालश्रम जैसे घृणित कार्य करवाया जा रहा है और बीएसपी के अधिकारी जानकर भी अंजान बने हुए है जो कि आमजन एवं खेल प्रमियो की समझ से परे है।
नाबालिक बच्चियों से बालश्रम का मामला उजागर होने के बाद भी बिना रजिस्ट्रेशन संचालित की जा रही बीएसपी एथलेटिक्स क्लब के कोच के पर आज पर्यन्त न जांच हुई है एवं प्रमाण की पुष्टि पर कोई कार्यवाही हुई है। इससे साफ प्रतीत होता है कि उक्त कोच को बीएसपी के उच्च अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। फर्जी क्लब के डे बोर्डिंग कोच के द्वारा क्लब में आने वाले नाबालिक बच्चियों से खुले आम बालश्रम जैसे घृत कार्य कराने से विभाग के खेल व्यवस्था की नींव खोखली होना निश्चित है इससे आमजनों को अपने बच्चों को खिलाड़ी बनाने की व्यवस्था से विश्वास भंग हो सकता है। शायद इस फर्जी क्लब के कोच ने सोच रखा है कि क्लब में आने वाले बच्चियों से हर हाल में मजदूरी करवाकर उनका शोषण किया जाये तभी तो इस कोच ने हमारे प्रतिनिधि को सख्त लहजे में कहा कि इस संबंध में आपको जहां शिकायत करना है कर दो इससे मेरे क्लब का और मेरा नाम होगा यह भी कहा था कि मुझे बीएसपी के जीएम साहब क्लब के रखरखाव के लिए कोई राशि आबंटन नहीं करते हैं।
इसे विडंबना ही कहें कि नेशनल मैदान में बालश्रम जैसे घृणित कार्य खुलेआम किया जा रहा है जो प्रमाण सहित उजागर भी हो गया है इसके बावजूद बीएसपी अधिकारी कार्यवाही करने की बजाय मौन साधे हुए हैं। सिस्टम की गड़बड़ी ही बच्चियों के शोषण का मुख्य कारण बना हुआ है तभी तो उनसे बालश्रम कराने वाले कोच के हौसले बुलंद हैं। पूर्व में डे बोर्डिंग के तहत एथलेटिक्स खेल का प्रशिक्षण लेने वाले बच्चियों के लिए क्लब को मिलने वाली राशि का कार्यभार बीएससपी की महिला समाज ने अपने हाथों में ले रखा था उस वक्त भी कोच के द्वारा येन प्रकारेण कोशिश कर पुन: अपने हाथों में ले लिया इस बात की पुष्टि जीएम दल्लीराजहरा माइंस द्वारा की गई है। देखा गया है कि इस फर्जी एथलेटिक्स में न तो कोई रसोईघर है जिसमें डे बोर्डिंग के बच्चों के लिए पौष्टिक आहार रखा जाये। क्लब में लगभग 8 से 10 बच्चियां ही आती है और कोच द्वारा इतने बच्चियों के पौष्टिक आहार की राशि बीएसपी के पर्सनल विभाग से लिया जाता है यह भी जांच का विषय है। वहीं पर्सनल विभाग के अधिकारियों द्वारा व्यवस्था को न तो ठीक तरह से देखा जाता है और न क्लब में आने वाले बच्च्यिों की संख्या अथवा प्रशिक्षण पर कोई ध्यान दिया जाता है इससे प्रतीत होता है कि कोच और पूरे विभाग की मिलीभगत है। इस संबंध में अगर ईमानदारी से जांच की जाती है तो इससे यह भी साफ हो जायेगा कि कोच के द्वारा डे बोर्डिंग के तहत प्रशिक्षण लेने क्लब में आने वाले बच्चियों के लिए मिलने वाली राशि में भी भ्रष्टचार उजागर होगा।
बीएसपी एथलेटिक्स क्लब में प्रशिक्षण लेने के लिए आने वाले बच्चियों को कोच के द्वारा बालश्रम करवाने का प्रमाण के तौर पर जीएम दल्लीराजहरा माइंस द्वारा मांगा गया था जिस पर जीएम दल्लीराजहरा माइंस के वाट््सएप पर हमारे प्रतिनिधि ने कोच के द्वारा बच्चियों से मजदूरी करवाने का फोटो सबूत के तौर पर भेजा था जिस पर कार्यवाही के संबंध में उन्होने हमारे प्रतिनिधि से कहा
मैं शनिवार को भिलाई मीटिंग में गया था आपके द्वारा भेजा गया फोटो प्रमाण को मैं देख लिया हूं। डे बोर्डिंग के कोच सुदर्शन कुमार सिंह को सोकाज नोटिस देकर जवाब मांगा जायेगा। फोटो प्रमाण को देखने से उन पर दोष सिद्ध होता है जिसके लिए कोच पर कार्यवाही अवश्य होगी।
अजीत कुमार नाथ
जीएम दल्लीराजहरा माइंस

फोटो मेल:01-इसी क्लब में कोच के द्वारा नाबालिक बच्चियों से बालश्रम करवाया जाता है।


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