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द्रमुक की अगुवाई वाले बंद के कारण तमिलनाडु में सामान्य जीवन प्रभावित

कावेरी प्रबंधन बोर्ड (सीएमबी) स्थापित करने में केंद्र सरकार की विफलता को लेकर द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (द्रमुक) की अगुवाई वाले बंद के कारण गुरुवार को तमिलनाडु में सामान्य जीवन प्रभावित हुआ

द्रमुक की अगुवाई वाले बंद के कारण तमिलनाडु में सामान्य जीवन प्रभावित
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चेन्नई। कावेरी प्रबंधन बोर्ड (सीएमबी) स्थापित करने में केंद्र सरकार की विफलता को लेकर द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (द्रमुक) की अगुवाई वाले बंद के कारण गुरुवार को तमिलनाडु में सामान्य जीवन प्रभावित हुआ।



चेन्नई में खाली सरकारी बसें सड़कों के किनारे खड़ी रहीं, वहीं ऑटोरिक्शा भी सड़कों पर नजर नहीं आए।



दक्षिणी रेलवे के एक अधिकारी ने बताया, "उपनगरीय व लंबी दूरी की रेल सेवाएं सामान्य रूप से संचालित की जा रही हैं।" सालेम और तिरूनेलवेली में रेल की पटरियों पर विरोध प्रदर्शन किया गया।

द्रमुक नेता एम.के. स्टालिन अपने सहयोगियों के साथ यहां अन्ना सालई पर इकट्ठा हुए और सीएमबी गठित न किए जाने के विरोध में प्रदर्शन किया।

तिरूनेलवेली में द्रमुक कार्यकर्ताओं ने एक यात्री ट्रेन के सामने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, लेकिन पुलिस ने उन्हें तितर-बितर कर दिया।

तिरुप्पुर में हड़ताल के समर्थन में सभी कारखाने बंद हैं। हालांकि पेट्रोल पंप खुले हैं और दूध की आपूर्ति भी प्रभावित नहीं हुई। अभी तक मिली रिपोटरें के अनुसार, ईरोड, नागापट्टिनम, तंजावुर, तिरुवरूर, शिवगंगा, रामनाथपुरम की दुकानें बंद हैं।

पुडुचेरी में भी परिवहन सेवाएं प्रभावित हुईं। साथ ही वहां तमिलनाडु राज्य परिवहन निगम की तीन बसों में तोड़फोड़ की गई।

सर्वोच्च न्यायालय ने 16 फरवरी को कावेरी जल में तमिलनाडु का हिस्सा घटाकर 177.25 अरब घनफुट (टीएमसी) कर दिया था जो 2007 में एक अधिकरण की ओर से आवंटित 192 अरब घनफुट से कम है। वहीं, कर्नाटक का हिस्सा 14.75 अरब घनफुट बढ़ा दिया गया है।

केंद्र सरकार अदालत के 16 फरवरी के आदेश के अनुसार छह सप्ताह के भीतर सीएमबी का गठन करने से विफल रही। इसकी समय सीमा 29 मार्च को समाप्त हो गई।


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