अफवाहों के चलते त्रिपुरा में बढ़ी मॉब लिंचिंग की घटनाएं
देश में इन दिनों अफवाहें लोगों की जान ले रही है, कभी बच्चा चोरी की अफवाह में भीड़तंत्र लोगों की जान पर हावी हो जाता है

नई दिल्ली। देश में इन दिनों अफवाहें लोगों की जान ले रही है। कभी बच्चा चोरी की अफवाह में भीड़तंत्र लोगों की जान पर हावी हो जाता है। तो कभी मवेशी चोरी के शक में भीड़ का क्रूर चेहरा देखने को मिल जाता है। अब ताजी घटनाएं त्रिपुरा से सामने आई हैं। जहां बीते तीन दिनों अफवाहों ने ऐसा ज़ोर पकड़ा है कि इसके चलते अबतक 2 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 6 लोग घायल हो गए हैं।
ताज़ा मामला पश्चिमी त्रिपुरा के आदिवासी बहुल मुराबारी गांव का है। जहां बीते गई दिनों से बच्चो चोरी की अफवाह उड़ी हुई थी। कहा जा रहा है कि जहां तीन फेरी वाले कपड़े बेचने गए थे। जैसे ही ये लोग गांव में दाखिल हुए कुछ लोगों का समूह उनके पीछे दौड़ने लगा। जिससे घबराए कपड़ा विक्रेता अपनी गाड़ी के चालक के साथ एक सुरक्षा शिविर में छिप गए लेकिन भीड़ वहां से उन्हें बाहर खींच लाई।
इस दौरान सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें बचाने की लाख कोशिशें की लेकिन गुस्साई भीड़ पर ऐसा खून सवार था कि वो किसी की सुनने को तैयार नहीं थी। सुरक्षाकर्मी उन्हें रोकते रहे और ये भीड़ उन लोगों को पीटती रही। बेकाबू भीड़ ने विक्रेताओं को तबतक पीटा जबतक वो अधमरे नहीं हो गए। इसके बाद पुलिसकर्मी सहित चार लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन इलाज के दौरान एक विक्रेता ने दम तोड़ दिया।
कानून को हाथ लेने वाली वैसे ये कोई पहली घटना नहीं थी। त्रिपुरा में बीते तीन दिनों में 3 मॉब लिंचिंग के मामले सामने आ चुके हैं। इससे एक दिन पहले ही जोगेंद्र नगर रेलवे स्टेशन पर कुछ युवकों ने अधेड़ उम्र की एक महिला पर हमला कर दिया था। जहां महिला अपने दो बच्चों के साथ रेलवे स्टेशन पहुंची थी लेकिन कुछ लोगों के एक समूह ने उसे बच्चों की तस्करी करने वाला समझकर उस पर हमला कर दिया। हमले में गंभीर रूप से ज़ख्मी महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
वहीं मंगलवार को तो त्रिपुरा में जो कुछ हुआ। उसे जानकार आप हैरान रह जाएंगे। दरअसल मनु बाजार में 11 वर्षीय एक बच्चे की दो संदिग्ध नाबालिगों द्वारा हत्या करने के बाद इलाके में तनाव पैदा हो गया था। बताया जा रहा है कि इस घटना के बाद प्रशासन की तरफ से सुकांता चक्रबर्ती, दो सरकारी कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुंचे कि लोग अफवाहों ना दे लेकिन इस दौरान कुछ लोगों ने तीनों पर ही हमला बोल दिया। जिसमें चक्रबर्ती की मौत हो गई जबकि अन्य लोग घायल हैं। त्रिपुरा से सामने आई ये घटनाओं के बाद सवाल उठता है कि इन अफवाहों पर रोक लगाने के लिए सरकार कोई कदम क्यों नहीं उठाती..ऐसी घटनाओं पर कोई सख्त एक्शन क्यों नहीं लिया जाता।


