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पूर्वजों के कारण आज हम भौतिक सुख-सुविधाओं में जी रहे है: पाण्डेय

मंत्री प्रेमप्रकाश पांडे आंध्र समाज दुर्ग जिले के द्वारा आयोजित तेलुगु सिस्टाकरणंम समाजम जिला दुर्ग द ग्रैंड गाला सिस्टाकरनम वर-वधु परिचय सम्मेलन के विमोचन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि शामिल हुए

पूर्वजों के कारण आज हम भौतिक सुख-सुविधाओं में जी रहे है: पाण्डेय
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भिलाईनगर। छत्तीसगढ़ शासन के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पांडे कला मंदिर सिविक सेंटर में आंध्र समाज दुर्ग जिले के द्वारा आयोजित तेलुगु सिस्टाकरणंम समाजम जिला दुर्ग द ग्रैंड गाला सिस्टाकरनम मीट-2017 वर-वधु परिचय सम्मेलन एवं सामाजिक पत्रिका सामाख्या के विमोचन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उक्त कार्यक्रम में विधायक प्रतिनिधि नगर पालिक निगम भिलाई संजय जे. दानी, समाज के पदाधिकारी एवं सदस्यगण उपस्थित थे।

समाज के सदस्यों द्वारा गर्मजोशी के साथ मंत्री का स्वागत किया गया एवं सामाजिक पत्रिका सामाख्या तथा वर-वधु परिचय सम्मेलन पुस्तिका का विमोचन मुख्य अतिथि द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने कहा की पूरे हिंदुस्तान में भिलाई शहर किस लिए मशहूर है कि यहां का लोहा जहां जहां जाता है वहां के लोग भावनात्मक रूप से भिलाई वासियों के साथ जुड़ जाते हैं क्योंकि यह लोहा उनके खून पसीने से निर्मित किया गया है।

कश्मीर से कन्याकुमारी तक एवं अटक से कटक तक आए हमारे पूर्वजों ने इस संयंत्र का निर्माण किया हमारे पूर्वजों ने कठिन परिस्थितियों में कार्य कर इस संयंत्र की आधारशिला रखी पूरे देश के आर्थिक प्रगति में यह संयंत्र रीढ़ की हड्डी है। श्री पाण्डेय ने कहा कि भारत देश अनेकता में एकता का परिचायक है इस देश में निवासरत लोगों ने एक दूसरे की बोली पहनावा संस्कृति और खान-पान को स्वीकार किया यही संस्कृति भिलाई शहर की खूबसूरती एवं पहचान है यह हम सबका भाव है की इस सामाजिक सौहद्रता को बनाएं रखें।

मंत्री ने कहा कि हमारे पूर्वजों के कारण हम सब भिलाई वासी आधुनिक सविधा एवं भौतिक सुविधा युक्त जीवन जी रहे हैं हमारे सामाजिक कार्य पहले अपने गांव में होते थे लेकिन अब हम सब भिलाई वासी छत्तीसगढ़ी है और अपने तीज-त्योहारों को छत्तीसगढ़ राज्य में मना कर गौरव का अनुभव व्यक्त करते हैं इससे अच्छी कोई बात हमारे लिए नहीं हो सकती हमारी संस्कृति हमारी बोली सबसे अच्छी है हिंदुस्तान एक ऐसा देश है जहां पर सैकड़ों बोली भाषाएं साहित्य वेशभूषा है यह हमारा गौरव है हमारे देश में विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं विदेशों में खानपान सीमा निर्धारित है।

मंत्री ने कहा कि भिलाई वासी जब सोकर उठता है तो उसका सामना बिहार बंगाल महाराष्ट्र पंजाब केरल आंध्र प्रदेश कर्नाटक कश्मीर उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ आसाम आदि अन्य राज्यों के निवासरत लोगों से प्रतिदिन रूबरू होता है इसीलिए भिलाई शहर को लघु भारत की संज्ञा दी गई है यह शहर सामाजिक समरसता एवं सौहाद्रता का प्रतीक है हम सब भिलाई वासी आपस में मिलकर एक दूसरे के तीज त्योहारों को मनाकर पारिवारिक वातावरण का निर्माण करते हैं जो भिलाई शहर की पहचान है जिसका हम सब भिलाई वासियों को गर्व है।

मंत्री ने कहा कि यह देश अनेक विधाओं वाला देश है विदेशों में जहां सब लोग गोरे होते हैं वही भारत देश में कोई गोरा, सावला, श्याम वर्ण, गेहुंवा होता है यही हमारी विविधता है भारत देश शिक्षा धानी एवं संस्कारधानी से परिपूर्ण है विदेशों में भिलाई की प्रतिभा प्रत्येक देशों में है यही भिलाई की संस्कृति है और हम सब इसके हिस्से हैं।

मंत्री ने कहा कि उक्त गरिमामई कार्यक्रम में विभिन्न जिलों शहर से आये हुवे सदस्यों का सहृदय स्वागत हम सब आपके हैं और आप हमारे हैं आप सभी के उद्देश्यों की पूर्ति हो इस सामाजिक कार्यक्रम के माध्यम से आप सभी को आने वाली दीपावली पर्व की अशेष शुभकामनाएं एवं हार्दिक बधाई दीपावली का यह पर्व आप सभी के जीवन में सुख समृद्धि यश वैभव लेकर आए।


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