बरसात में पारा गिरा लेकिन जलभराव से करंट की आशंका, सावधानी है जरूरी
राजधानी में प्री मानसून बरसात ने पारा करीबन पांच डिग्री नीचे कर दिया है लेकिन कई इलाकों में बरसाती पानी से बिजली गुल हो गई

नई दिल्ली। राजधानी में प्री मानसून बरसात ने पारा करीबन पांच डिग्री नीचे कर दिया है लेकिन कई इलाकों में बरसाती पानी से बिजली गुल हो गई। मानसून, लोगों को गर्मी और लू से राहत तो दिलाता है, साथ ही, यह अपने साथ कई तरह की समस्याएं भी लाता है। नमी, सीपेज व जलभराव के कारण एक ओर जहां बिजली की आपूर्ति पर असर पड़ता है, वहीं इस मौसम में करंट का खतरा भी बढ़ जाता है। हर साल राजधानी के कई इलाकों से करंट लगने के बाद होने वाली मौत के मामले सामने आते हैं।
मानसून संबंधी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित बिजली आपूर्ति के लिए बिजली कंपनियां हालांकि मानसून एक्शन प्लान बनाने का दावा जरूर करती हैं। मॉनसून एक्शन प्लान के तहत, निचले इलाकों में लगे ट्रांसफॉर्मरों के फाउंडेशन को ऊंचा करके उन्हें सुरक्षित स्तर पर लगाने, जलभराव के कारण स्विचगियर्स में नमी और सीपेज से बचाने के लिए उनके ऊपर छतें लगाने, जहां भी संभव हो पेड़ों की शाखाओं की छंटाई के काम को प्रमुखता दी जाती है। ताकि बिजली की तारें उनमें न उलझें और किसी भी हादसे को टाला जा सके।
बीएसईएस के अधिकारियों ने बताया कि मानसून के लिए उन्होने एक्शन प्लान तैयार करते हुए इन पहलुओं का ध्यान रखा और सुरक्षा को देखते हुए ट्रांसफॉर्मर्स के इर्द-गिर्द जालियां भी लगाई हैं।
पानी जमा होने से बिजली संबंधी दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है इसलिए बिजली कंपनियों के अधिकारी मानते हैं कि वे उपभोक्ताओं से अनुरोध कर रहे हैं कि बारिश के दिनों में वे बिजली के पोल, सब-स्टेशनों, ट्रांसफॉर्मरों और स्ट्रीटलाइटों से दूर रहें। साथ ही बच्चों को भी बताएं कि इन उपकरणों के इर्द-गिर्द न खेलें, चाहे उपकरणों के चारों ओर जालियां ही क्यों न लगी हों।
बीएसईएस प्रवक्ता ने बताया कि उन्होने आरडब्ल्यूए और आम नागरिकों से अनुरोध किया है कि यदि उन्हें कहीं करंट की आशंका महसूस हो, तो तुरंत फोन करें।


