कम दाम की वजह से किसान टमाटर की फसल फेंकने को मजबूर
किसान लागत से बेहद कम दाम मिलने और विदेशों में निर्यात रुकने के चलते टमाटर की फसल फेंकने तथा जानवरों को खिलाने के लिए मजबूर हो रहे हैं।

बड़वानी। मध्यप्रदेश के पश्चिम निमाड़ के बड़वानी और खरगोन जिलों में किसान लागत से बेहद कम दाम मिलने और विदेशों में निर्यात रुकने के चलते टमाटर की फसल फेंकने तथा जानवरों को खिलाने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
सेंधवा क्षेत्र के किसान तथा कृषि विशेषज्ञ घनश्याम पालीवाल ने बताया कि टमाटर की फसल की लागत के मुकाबले भाव न होने के चलते फसल मंडी तक पहुंचाने की बजाय किसान नष्ट कर रहे हैं। बाजार में टमाटर पांच रुपए किलो में आसानी से उपभोक्ता को उपलब्ध है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि थोक में टमाटर के दाम कितने कम होंगे।
राजपुर क्षेत्र के किसान लालू कुशवाहा ने बताया कि दो एकड़ में लगाए टमाटर पर उन्हें इस वर्ष करीब 70 हजार रुपए का नुकसान होगा। उन्होंने बताया कि पिछले साल भी खराब हो रहे टमाटरों को फेंकना पड़ गया था।
यहां के कई गांवों में किसान टमाटरों को ऊंट और भेड़ों को खिला रहे हैं। क्षेत्र के प्रभारी उद्यान विकास अधिकारी दयाराम चौहान ने बताया कि दाम नहीं मिलने के चलते नागलवाड़ी, पीपरखेड़ा, बलवाड़ी ,जामुनजिरा आदि क्षेत्र के किसान फसल उखाड़ कर अन्य फसलों की ओर जाने की प्रक्रिया में है। दलालों के माध्यम से यहां के टमाटर दिल्ली और उसके बाद पाकिस्तान जाते थे, लेकिन इस बार निर्यात नहीं होने के चलते टमाटर लगाना नुकसानदायक हो गया है।
इसी तरह खरगोन जिले के सनावद ,बेड़िया, नागझिरी बड़गांव ,उमरिया, नगरिया बमनाला और मांगरूल क्षेत्र में भी लगाए गए टमाटरों की फसल में किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है ।
खरगोन के उप संचालक, उद्यानिकी के के गिरवाल ने बताया कि रबी का मौसम टमाटर की अच्छी फसल के अनुकूल होता है और अधिक उत्पादन होने से दाम में कमी आती है, लेकिन ऑफ सीजन में अच्छी कीमत मिल जाने से वार्षिक औसत बेहतर हो जाता है।
खरगोन जिले में 970 हेक्टेयर क्षेत्र में टमाटर लगाया गया था, विभिन्न कारणों से इस बार यहां का टमाटर देश से निर्यात नहीं हो पा रहा है, जिसकी वजह से उत्पादन के हिसाब से खपत नहीं हो पा रही है। थोक में पांच रुपए किलो टमाटर मिल रहे हैं ।
बड़वानी के उपसंचालक उद्यानिकी अजय चौहान ने कहा कि जिले में करीब 700 हेक्टेयर क्षेत्र में टमाटर लगाया गया है और फिलहाल उन्हें टमाटर उखाड़ने या नष्ट करने की शिकायत नहीं मिली हैं। वहीं प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास राज्य मंत्री बालकृष्ण पाटीदार ने कहा कि भावांतर भुगतान योजना के तहत टमाटर और प्याज को भी शामिल करने पर विचार किया जा रहा है। किसानों की समस्या के प्रति सरकार गंभीर है।


