सुविधाओं के अभाव में रेफरल सेंटर बन गया जिला अस्पताल
प्रियदर्शनी इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय में पदस्थ कुछ चिकित्सकों की मनमानी व निजी चिकित्सालय के साथ मिलीभगत के कारण यहां आने वाले मरीजों को परेशान होना पड़ रहा

विशेषज्ञों का अभाव, करोड़ों की जांच मशीन धूल खा रही
कोरबा । प्रियदर्शनी इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय में पदस्थ कुछ चिकित्सकों की मनमानी व निजी चिकित्सालय के साथ मिलीभगत के कारण यहां आने वाले मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है। सुविधाओं का अभाव बताकर चिकित्सक मरीज का बेहतर ईलाज करने के बजाय अच्छे ईलाज के निजी अस्पताल रेफर कर रहे हैं। ऐसे में गरीबों के लिए प्रारंभ सरकारी अस्पताल के औचित्य पर सवाल उठना लाजमी है। जिला अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की पदस्थापना के साथ-साथ विभिन्न रोगों के जांच हेतु आवश्यक मशीनों की उपलब्धता शासन को सुनिश्चित करनी चाहिए।
जिला मुख्यालय में स्थित 100 बिस्तरीय जिला चिकित्सालय सुविधाओं के अभाव में सिर्फ रेफर सेंटर बनकर रह गया है। यहां मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है वहीं विशेषज्ञों के अभाव में करोड़ों की विभिन्न जांच मशीन धूल खाती पड़ी हुई है। जिला चिकित्सालय में विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं होने के कारण लोगों को दूसरे निजी चिकित्सालयों की तरफ रुख करना पड़ रहा है। गांव से ईलाज कराने आए गरीब, किसान, मजदूर वर्ग के मरीजों को यहां के कुछ चिकित्सक द्वारा अपने निजी लाभ के कारण मरीजों के परिजनों को सुविधाओं का अभाव बताकर निजी चिकित्सालय में रिफर कर दिया जाता है जिससे सरकारी ईलाज की सुविधा पाने के लिए यहां आने वाले लोग अपने आप को ठगा सा महसूस करते हैं और डॉक्टरों तथा सरकार को कोसते नजर आते हैं। वर्षों पूर्व निर्मित 100 बिस्तर वाला जिला चिकित्सालय आईएसओ का दर्जा तो प्राप्त कर चुका है परंतु आज भी मरीजों को सारी सुविधाएं मुहैय्या नहीं करा पा रहा है। जिला चिकित्सालय प्रशासन की लापरवाही के कारण शासन की मंशा के अनुरूप यहां जरूरतमंद मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हंै। यहां ईलाज के लिए पहुंचे मरीजों को अक्सर रिफर कर दिया जाता है, जबकि इनमें ऐसे भी मरीज होते हैं जिनके पास आर्थिक समस्या होती है और स्मार्ट कार्ड व बीपीएल कार्ड से ईलाज कराना चाहते हैं। इन मरीजों को कुछ निजी चिकित्सालय में स्मार्ट कार्ड से ईलाज करने मना कर दिया जाता है। ऐसे में इन मरीजों के परिजन ईलाज के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हो रहे हैं।
विधायक ने स्वास्थ्य मंत्री को लिखा पत्र
कोरबा विधायक जयसिंह अग्रवाल ने जिला चिकित्सालय में सुविधाओं के अभाव का हवाला देकर मरीजों को निजी चिकित्सालय में रिफर करने व गरीब जरूरतमंद मरीजों को सरकारी अस्पताल से अपेक्षाकृत लाभ नहीं मिल पाने को गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस मामले में प्रदेश के लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास व संसदीय कार्य मंत्री अजय चंद्राकर को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि जिला चिकित्सालय में सुविधा मुहैय्या कराते हुए यहां पदस्थ डॉक्टरों को जिला चिकित्सालय में ही आवश्यकतानुसार ईलाज करने निर्देशित करें।
प्रभारी मंत्री ने दी थी कड़ी हिदायत
विगत् वर्ष जिले के प्रभारी मंत्री अमर अग्रवाल ने जिले के कामकाज से संबंधित अधिकारियों की ली गई बैठक में स्पष्ट रूप से हिदायत दी थी कि जिला अस्पताल को रेफरल सेंटर न बनाया जाये बल्कि यहां आने वाले मरीज को ठीक तरह से उपचार सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। किसी भी डॉक्टर के द्वारा मरीज को उपचार के बगैर रिफर किए जाने की जानकारी होने पर कड़ी कार्यवाही की भी चेतावनी उन्होंने दी थी। इस चेतावनी का कोई असर पड़ता नजर नहीं आ रहा बल्कि किसी मरीज के परिजन द्वारा बेहतर उपचार किये जाने की बात पर कुछ चिकित्सक तर्क देते हैं कि यहां जो सुविधा मौजूद है, उतना ही ईलाज कर पाएंगे, अच्छा ईलाज के लिए मरीज को रिफर करा लो। कई तो ऐसे मौके भी आये हैं जब मरीज को भर्ती और डिस्चार्ज करने के लिए संबंधित ड्यूटी चिकित्सक के द्वारा रिश्वत भी मांगी गई है।


