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डीयू : शिक्षकों के योगदान पर चर्चा, आरएसएस के पूर्व सरकार्यवाह होंगे शामिल

दिल्ली विश्‍वविद्यालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में 'राष्ट्र निर्माण में शिक्षा और शिक्षकों के प्रदेय' पर चर्चा की जाएगी।

डीयू : शिक्षकों के योगदान पर चर्चा, आरएसएस के पूर्व सरकार्यवाह होंगे शामिल
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नई दिल्ली। दिल्ली विश्‍वविद्यालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में 'राष्ट्र निर्माण में शिक्षा और शिक्षकों के प्रदेय' पर चर्चा की जाएगी। कार्यक्रम में आरएसएस के पूर्व सरकार्यवाह सुरेश भैय्याजी जोशी मौजूद रहेंगे।

दिल्ली विश्‍वविद्यालय में 5 सितंबर शिक्षक दिवस के अवसर पर यह कार्यक्रम होना है। आयोजकों के मुताबिक, विश्‍वविद्यालय स्तर पर पिछले लगभग एक दशक में दिल्ली विश्‍वविद्यालय में अपनी तरह का यह पहला आयोजन होगा।

दिल्ली विश्‍वविद्यालय के डीन (प्लानिंग) प्रोफेसर निरंजन के मुताबिक, इस कार्यक्रम में विभिन्न विश्‍वविद्यालयों के कुलपतियों समेत अकादमिक जगत, पुलिस-प्रशासन, विधि और उद्योग जगत के राष्ट्रीय स्तर के गणमान्य व्यक्तित्व शामिल होने जा रहे हैं। इनके अलावा सुप्रीम कोर्ट के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर्स और शोधार्थी मौज़ूद रहेंगे।

शिक्षक दिवस के अवसर पर 5 सितंबर को दिल्ली विश्‍वविद्यालय की मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रम समिति और भारत विकास परिषद के संयुक्त तत्वावधान में इस विशेष कार्यक्रम का आयोजन कर रही है। डीयू कन्वेंशन हॉल में 'राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की भूमिका' विषय पर आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में आरएसएस के पूर्व सरकार्यवाह सुरेश भैय्याजी जोशी का मार्गदर्शन रहेगा, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल उपस्थित रहेंगे।

इस संबंध में जानकारी देते हुए कार्यक्रम के संयोजक, दिल्ली विश्‍वविद्यालय की मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रम समिति के अध्यक्ष एवं डीन (प्लानिंग) प्रो. निरंजन कुमार ने बताया कि भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुरेश जैन तथा सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश आदर्श गोयल कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि होंगे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह द्वारा की जाएगी। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में राष्ट्र निर्माण में शिक्षा और शिक्षकों के प्रदेय जैसे महत्त्वपूर्ण विषय पर वक्तव्य आयोजित किया जाएगा। प्रो. निरंजन कुमार ने बताया कि कुलपति प्रो. योगेश सिंह के मार्गदर्शन और संरक्षण में दिल्ली विश्वविद्यालय राष्ट्र के इस चतुर्दिक निर्माण में अनवरत संलग्न है। इन सबको रेखांकित करते हुए भविष्य की दिशाओं को निर्धारित करने की दिशा में विश्‍वविद्यालय स्तर पर पिछले लगभग एक दशक में दिल्ली विश्‍वविद्यालय में अपनी तरह का यह पहला आयोजन होगा।

प्रो. निरंजन ने बताया कि इस कार्यक्रम में विभिन्न विश्‍वविद्यालयों के कुलपतियों समेत अकादमिक जगत, पुलिस-प्रशासन, विधि और उद्योग जगत के राष्ट्रीय स्तर के गणमान्य व्यक्तित्व और अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर्स और शोधार्थी मौज़ूद रहेंगे। कार्यक्रम में एक पुस्तक का विमोचन भी किया जाएगा।


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