डीटीसी आईसीयू में, परिवहन व्यवस्था ठप, दिल्लीवासी परेशान
तीन साल में परिवहन व्यवस्था पर बोली कांग्रेस

नई दिल्ली। कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के तीन साल पूरे होने पर आज सवाल किया कि दिल्ली में बिगडी़ परिवहन व्यवस्था क्यों बर्बाद किी। परिवहन व्यवस्था पर किए वादों को झूठ बताते हुए पूर्व परिवहन मंत्री हारून यूसफ ने कहा कि आप सरकार ने तीन वर्षों में दिल्ली को 70 वर्ष पुरानी बना दिया है। जनता बसों को उपयोग करती है लेकिन डीटीसी आईसीयू में है और 2013-14 में 5223 बसें अगस्त 2017 में घटकर 3951 रह गईं। डीटीसी की 1273 बसें कम हो गईं। दिल्ली देहात में चलने वाली स्टेडंर्ड फ्लोर बसे भी 173 कम हुईं हैं। इसी अवधि में यात्री भी तकरीबन 159 करोड़ से 2015-16 में कम होकर 129 करोड़ रह गए अब औसतन 8.88 प्रतिशत प्रतिवर्ष दर की कमी हो रही है।
हारुन यूसूफ ने कहा कि मेट्रो किराया वृद्धि एक ही वर्ष में दो बार किराए बढ़े, जबकि कांग्रेस के पूरे कार्यकाल में केवल दो बार किराया बढ़े।
उन्होंने तंज कसा कि मेट्रो की फेयर फिक्शेसन कमेटी में दोनो सरकारों ने किराया बढ़ौत्तरी का फैसला लिया और फिर इस मुद्दे पर राजनीति की। दिल्ली सरकार नई बसें न खरीदने के लिए पार्किंग की जगह न होने का बहाना बनाती है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन द्वारा दाखिल जनहित याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार मल्टी लेवल बस पार्किंग की व्यवस्था पहले से स्थापित बस डिपों में करे, जो किफायती और सुगम होगा क्योंकि यह बात सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्थापित पर्यावरण पर गठित कमेटी एप्का ने अपनी रिपोर्ट में कहा था।
हारुन यूसूफ ने कहा किडीटीसी की बसें नहीं हैं, दिल्ली सरकार की लापरवाही के कारण मेट्रो फेस-3 जहां दो वर्ष पीछे चल रहा है तो वहीं चौथे चरण का कुछ अता पता नहीं है। दिल्ली मेरठ हाई स्पीड रेल कॉरिडोर भी बनाया जाना था परंतु दिल्ली सरकार ने उसको जानबूझ कर रोका हुआ है। दिल्ली की परिवहन व्यवस्था को लेकर निकम्मापन इससे जाहिर होता है कि उनको जो पैसा परिवहन व्यवस्था के सुधार के लिए दिया गया था वह भी डीटीसी पर खर्च नही कर पाए। जेएनएनयूआरएम में दिल्ली सरकार को 205 करोड़ का फंड मिलना था जो कि इनकी लापरवाही से नही मिल सका। दिल्ली सरकार ने प्रदूषण सेस से 829 करोड़ रुपया माल ढ़ोने वाले वाहनों से जुटाया लेकिन केवल 93 करोड़ रुपया ही खर्च किया है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार यह राशि सड़कों, सार्वजनिक परिवहन तथा साईकिल ट्रेक बनाने के लिए खर्च किया जाना था। इसी प्रकार निर्भया फंड में से 140 करोड़ रुपया जो कि डीटीसी तथा कलस्टर बसों में सीसीटीवी कैमरों के लिए दिल्ली सरकार को मिलना था वह नही मिल सका क्योंकि आप पार्टी की दिल्ली सरकार के ढुलमुल रवैये के कारण गृहमंत्रालय ने उनके प्रस्ताव को ही ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि ऑटो पर शीला दीक्षित की तस्वीर लगाकर बदनाम किया गया आज वही ऑटो चालक सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।


