आम बीनने जंगल गए वृद्ध को दंतैल ने कुचला,मौत
आम बीनने के लिए जंगल की ओर गए एक वृद्ध को दंतैल हाथी ने कुचलकर मौत के घाट उतार दिया

करतला वन परिक्षेत्र के ग्राम चांपा की घटना, ग्रामीणों में दहशत
कोरबा-करतला। आम बीनने के लिए जंगल की ओर गए एक वृद्ध को दंतैल हाथी ने कुचलकर मौत के घाट उतार दिया। इस घटना के बाद से ग्रामीणों में अपने जान-माल को लेकर दहशत व्याप्त है।
जानकारी के अनुसार करतला थाना व कोरबा वनमण्डल के अंतर्गत आने वाले ग्राम चांपा का निवासी कुसीराम राठिया पिता जनकराम राठिया 60 वर्ष आज सुबह पास के जंगल में आम बीनने के लिए गया हुआ था।
कुसीराम आम बीनने में मशगूल था वहीं आम पेड़ के पास ही दो हाथी कटहल खा रहे थे। इन हाथियों का सामना कुसीराम से हो गया। हाथियों को देखकर वह भागने लगा तब एक हाथी ने दौड़कर उस पर हमला कर दिया। हाथी के हमले से वृद्ध की मौके पर ही मौत हो गई।
जंगल गए अन्य ग्रामीणों ने वृद्ध का शव देखा और इसकी जानकारी परिजनों एवं वन विभाग के अधिकारियों को दी। वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मौके पर पहुंचे। करतला पुलिस ने भी वैधानिक कार्रवाई की है।
इस घटना के बाद से ग्रामीणों को अपने जान-माल की सुरक्षा का डर सताने लगा है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हाथियों के झुंड पर निगरानी रखी जा रही है। दूसरी ओर करतला रेंजर खान के द्वारा मृतक के परिवार को 25 हजार रुपए की तात्कालिक सहायता राशि प्रदान की गई ।
मृतक के परिवार को 5 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। शासन के नियमों के अनुरूप मृत्यु प्रमाण पत्र विभाग में जमा कराने के बाद परिजन को शेष 4 लाख 75 हजार रूपये का भुगतान किया जायेगा।
चार दलों में बंटे हाथी
स्थानीय लोगों और वन कर्मियों के मुताबिक करतला वन परिक्षेत्र में 30 से 35 की संख्या में विचरण कर रहे हाथियों का यह झुंड चार अलग-अलग दलों में बंट गया है। झुंड से बिछड़े हाथी हिंसक होकर ग्रामीणों पर हमला कर रहे हैं। हाथियों के इस झुंड को खदेड़ने से वे और भी खतरनाक साबित हो सकते हैं।
वन विभाग कोशिश कर रहा है कि हाथियों को खदेड़े बिना उनके झुंड से मिलाया जाए ताकि जान-माल की और हानि को रोका जा सके।
कोरबी-चोटिया सर्किल में 30 हाथियों का दल
करतला वन परिक्षेत्र के अलावा कटघोरा वनमंडल के अंतर्गर्त आने वाले परला नवापारा बीट के जंगल में करीब 30 हाथियों ने डेरा डाल रखा है। कोरबी-चोटिया सर्किल के नवापारा कम्पाउण्ड कम्पार्टमेंट 352 में 8 जून की रात हाथियों की दस्तक हुई। पानी की तलाश में ये हाथी पहुंचे हैं।
इन हाथियों में एक हाथी घायल बताया जा रहा है जिसे चलने फिरने में काफी कठिनाई हो रही है। बताया जा रहा है कि पिछले कई माह से लालपुर बीट के जंगल में दो दर्जन से अधिक डेरा जमाए हुए हैं जिससे इलाके के आसपास रहने वाले ग्रामीणों व पण्डो, धनुहार जनजाति के लोगों का भी निकलना मुश्किल हो गया है।


