व्हीआईपी मार्ग पर सड़क के बीच गिरा हाईटेंशन तार, बाल-बाल बचे लोग
बुधवारी से आईटीआई चौक व्हीआईपी मार्ग पर आज शाम 133 केव्ही व 33 केव्ही क्षमता का करंट प्रवाहित तार टूटकर गिर पड़ा

टॉवर लाइन के नीचे बेधड़क बन रहे अवैध मकान, निगम व सीएसईबी को बड़े हादसे का इंतजार
कोरबा। बुधवारी से आईटीआई चौक व्हीआईपी मार्ग पर आज शाम 133 केव्ही व 33 केव्ही क्षमता का करंट प्रवाहित तार टूटकर गिर पड़ा। व्यस्ततम मार्ग में जिस वक्त तार गिरा, संयोगवश कोई इसके संपर्क में नहीं आया अन्यथा बड़ी जनहानि हो सकती थी। घटना के बाद मार्ग के दोनों ओर आवागमन रोक कर सुधार कार्य विद्युत वितरण विभाग द्वारा देर रात तक कराया गया।
बुधवारी चौक के निकट डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत गृह संचालित है। 200 मेगावॉट उत्पादन क्षमता वाले इस पावर प्लांट से पड़ोसी जिला जांजगीर-चांपा के लिए लाईन टॉवरों के जरिये खींची गई है। इसी प्रकार स्थानीय स्तर पर विद्युत आपूर्ति हेतु 33 केव्ही क्षमता का तार खींचा गया है।
शाम करीब 5:50 बजे संयंत्र के भीतर विस्फोट के साथ आग लगी और टॉवरों के जरिए गुजारा गया 133 केव्ही क्षमता वाला करंट प्रवाहित तार टूट कर विद्युत खंभों से गुजारे गए 33 केव्ही क्षमता वाले तार पर गिरा। इसके साथ ही 33 केव्ही का तार करंट प्रवाहित हालत में टूटकर सड़क पर गिर पड़ा।
इससे पहले तार टूट कर टॉवर के नीचे बने मकानों में से एक मकान के छत पर गिरा। संयोगवश उक्त मकान में रहने वाले व आसपास के लोग तथा सड़क से गुजर रहे लोग इस तार के संपर्क में नहीं आये वरना एक बड़ा हादसा हो सकता था।
घटना की जानकारी होते ही स्थानीय लोगों ने दोनों तरफ मौजूद रहकर आने-जाने वालों को सतर्क किया। रास्ते से गुजर रहे एसपी मयंक श्रीवास्तव भी घटना की जानकारी होते ही मौके पर पहुंचे।
यातायात निरीक्षक एस एस पटेल व यातायात कर्मियों ने दोनों ओर मौजूद रहकर व्यवस्था संभाली। करीब 1 घंटे बाद प्लांट से परमिट मिला तब जाकर सुधार कार्य वितरण विभाग के कर्मियों ने प्रारंभ किया जो देर रात तक चला। इस दौरान उक्त लाईन पर आधारित इलाके की बिजली गुल रही।
दर्री की घटना से सबक नहीं ले रहे आमजन और अधिकारी
इसी माह 11 जून को दर्री के अयोध्यापुरी बस्ती के शक्ति चौक के पास हुई रहस्यमयी घटना में सड़क से निकली आग के संपर्क में आकर दीपेश यादव पिता अनिल यादव 9 वर्ष और राहुल यादव पिता प्रेम यादव 15 वर्ष झुलस गए थे। करीब 10 दिन तक उपचार के दौरान दीपेश ने दम तोड़ दिया।
इस घटना में पुलिस, नगर निगम, प्रशासन, विद्युत विभाग ने जांच के बाद निष्कर्ष निकाला कि बस्ती के ऊपर से गुजरे हाईटेंशन तार का करंट ट्रिप होने से यह घटना हुई है। कुल मिलाकर विद्युत टॉवरों के नीचे, हाईटेंशन तार के इर्द-गिर्द आवास खतरे से खाली नहीं हैं, ऐसा विद्युत विभाग का भी कहना है।
बावजूद इसके जिले के अनेक स्लम इलाकों के अलावा शासकीय उपक्रम खासकर सीएसईबी की जमीन पर टॉवरों के नीचे तेजी से बेजा निर्माण हो रहे हैं। व्हीआईपी रोड भी इससे अछूता नहीं जिस रास्ते से गुजर कर बड़े-बड़े अधिकारी और मौकों पर मंत्री भी पार होते हैं।
व्हीआईपी मार्ग पर टॉवरों के नीचे सीएसईबी की जमीन पर बेधड़क होकर कच्चे-पक्के मकान बनाये जा रहे हैं। लोगों ने हद पार कर चाल भी निकाल कर किराये पर चढ़ा दिया है। नगर निगम इन अवैध बस्तियों में सड़क, पानी, बिजली पहुंचाकर इन्हें वैध बनाने की कवायद किये हुए है।
कोई आश्चर्य की बात नहीं कि ऐसी बस्तियों में समय-बे-समय करंट से जुड़ा कोई बड़ा हादसा या दर्री की तरह कोई घटना घटित हो जाये! बढ़ते बेजा कब्जा को मौन स्वीकृति पर लगता है कि सीएसईबी व नगर निगम को किसी बड़े हादसे का इंतजार है। कुछ ऐसा ही हाल निगम के दूसरे क्षेत्रों में भी है परन्तु मैदानी अमला बेजा निर्माण होता देखकर भी अनजान रहता है।
बस्तियों, गलियों में सड़क और तार तक निर्माण
प्रशासनिक अनदेखी और आमजन की एक-दूसरे से बढ़कर कब्जा करने की प्रवृत्ति का आलम यह है कि बस्तियां घनी होने के साथ संकरी होती जा रही हैं। सड़क पर नाली के ऊपर तक निर्माण करा लिया गया है तो कई जगह नाली को ढंकने के लिए लगाये गए कांक्रीट ढक्कन के ऊपर ही लोगों ने सीढ़ी निकाल ली है।
आमने-सामने के घर ऐसे बढ़ा लिए गए हैं कि सड़क से ऑटो रिक्शा तक गुजरना मुश्किल हो जाता है। ऊपर की छत भी बिजली के खंभे को छूते हुए और अधिकांश जगहों पर खंभों के तार छत के बीच से गुजर जाते हैं। किसी बड़ी अनहोनी, आग लगने जैसी घटना होने पर इन बस्तियों में दमकल वाहनों का घुसकर बचाव कार्य करना संभव ही नहीं होगा।
समय रहते इस तरह की प्रवृत्ति पर रोक नहीं लगाई गई तो आने वाले दिनों में स्थिति और भी खराब होने से इंकार नहीं किया जा सकता।


