भूजल में गिरावट से बढ़ सकती है पेयजल समस्या
जिला मुख्यालय में पेयजल की गंभीर समस्या होने की आशंका मंडराने लगी है। नगर के अधिकांश बोर सूख जाने के बाद एक मात्र बोर से 25 वार्डों में की जा रही जलापूर्ति पर भी पानी की धार पतली हो चली है

नगर को प्रतिदिन 70 टैंकर जल उपलब्ध कराने वाला बोर ने भी लगा सूखने
जांजगीर। जिला मुख्यालय में पेयजल की गंभीर समस्या होने की आशंका मंडराने लगी है। नगर के अधिकांश बोर सूख जाने के बाद एक मात्र बोर से 25 वार्डों में की जा रही जलापूर्ति पर भी पानी की धार पतली हो चली है। वर्तमान में प्रतिदिन करीब 70 से 80 टैंकर पानी की आवश्यकता बनी हुई है, जिसे एक मात्र बोर से किया जा रहा था।
मगर पिछले 48 घंटे से इस बोर में भी पानी की धार सिकुड़ने लगी है।नगर पालिका जांजगीर-नैला जिला बनने के बाद से अभी तक पेयजल संकट से नहीं उबर पाया है। इस दौरान करोड़ों की राशि पालिका की ओर से फूंकी जा चुकी है। जिसमें हसदेव जल आवर्धन योजना भी शामिल है।
नगर में गर्मी की शुरूवात से ही भूमिगत जल स्तर सूखने से अधिकांश बोर सूख जाते है और पेयजल की समस्या गंभीर हो जाती है। इस बार भी फरवरी मध्य से ही नगर में पेयजल की समस्या उत्पन्न हो गई थी, जिसे टैंकरों के माध्यम से विभिन्न वार्डों में जलापूर्ति पालिका प्रशासन द्वारा की जा रही थी।
जलापूर्ति के लिए नगर के बिसाहू दास महंत बालोद्यान में खोदे गये बोर से हो रही थी। जहां पालिका के 11 टैंकरों द्वारा प्रतिदिन 70 से 80 टैंकर पानी की सप्लाई विभिन्न वार्डों को की जा रही है। अप्रैल के प्रथम सप्ताह तक इस बोर में पर्याप्त पानी था, जिसमें एक टैंकर को भरने 30 मिनट का समय लगता था, मगर पिछले दो दिनों से इसकी धार भी पतली हो गई है,
जहां एक टैंकर को भरने डेढ़ घंटे का समय लग रहा है। फलस्वरूप नगर में पानी आपूर्ति की व्यवस्था गड़बड़ाने लगी है। फायर ब्रिगेड दफ्तर के पास वाली बोर पहले ही जवाब दे चुका है, ऐसे में नगर को पेयजल आपूर्ति के लिए नये विकल्प की तलाश को लेकर पालिका संसाधन व स्त्रोत की चुनौती खड़ी हो गई है। शीघ्र नये जलस्त्रोत नहीं मिलने की दशा में नगर में पानी के लिए गंभीर समस्या खड़ी हो सकती है।
रतजगा कर रहे लोग
पूरे नगर में इक्के-दुक्के घरों को छोड़ अधिकांश लोगों को इनदिनों टैंकर का ही इंतजार रहता है। वहीं पालिका प्रशासन के पास दर्जन भर टैंकर के लिए दो इंजन भी उपलब्ध है, जिसके माध्यम से पूरे नगर को जलापूर्ति के लिए 70 से 80 फेरे लगाने पड़ रहे है।
ऐसे में लोगों के पास टैंकर के इंतजार के लिए रतजगा करना पड़ रहा है। लोग पानी के लिए टैंकर आने से पहले ही बाल्टी, घड़ा अथवा जेरीकेन की लाईन लगाये बैठे रहते है।
व्यवस्था बनाने पालिका प्रशासन गंभीर-सीएमओ
पालिका प्रशासन नगर में उत्पन्न पेयजल संकट को लेकर पूरी तरह गंभीर है। बीडी महंत बालोद्यान के बोर से पानी की धार कम होने पर नये विकल्प के रूप में वार्ड नंबर 18 में हुये बोर पर सबमर्सिबल पंप लगाया जा रहा है, जिससे जलापूर्ति बाधित नहीं होगी। फिलहाल फायर स्टेशन के पास तथा बालोद्यान से जलापूर्ति हो रही है। लोगों को भी भूमिगत जल स्तर बनाये रखने वाटर हार्वेटिंग के प्रति जागरूक होने की जरूरत है।
दिनेश कोसरिया
सीएमओ जांजगीर-नैला


