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शहर के कई इलाकों में गहराया पेयजल संकट

राजधानी के कई वार्डों  में पीने के पानी का संकट गहराते जा रहा है.....

शहर के कई इलाकों में गहराया पेयजल संकट
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निगम के जल विभाग प्रभारी का दावा, पर्याप्त व्यवस्था

रायपुर। राजधानी के कई वार्डों में पीने के पानी का संकट गहराते जा रहा है। भीषण गर्मी से जूझ रहे आम लोगों को पानी के लिये मशक्कत करते दिखलाई पड़ रहे हैं। 70 वार्ड के अंदर अधिकांश वार्डों में पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है। हालांकि निगम प्रबंधन ने दावा किया है कि पानी की समस्या से निपटने के लिये वैकल्पिक संसाधनों के साथ बेहतर व्यवस्था की गई है। इसमें फिलहाल जिन वार्डों में संकट है उन वार्डों में किराए के 40 टैंकरों से पीने के पानी की सप्लाई की जा रही है। साथ ही कहा कि 28 करोड़ की लागत से नगर के 8 जोन में पाईप लाईन बिछाने का काम तेजी से चल रहा है जो बहुत जल्द पूरा कर लिया जायेगा। उसके बाद यह समस्या नहीं रह जायेगी। लेकिन वार्डों के अंदर वस्तुस्थिति कुछ और है। नीचली बस्तियों में पानी की समस्या है। नलों से बूंद नहीं टपक रही है। हैंड पंप के सहारे काम चलाया जा रहा है लेकिन हैंड पंपों का जलव स्तर नीचे चला गया है। यहां तक कि 50 से 100 हैंड पंप के सूखने की जानकारियां विभाग को मिली है।

गौरतलब है कि नवतपा के पहले दिन तापमान का रिकार्ड टूट गया और 46 डिग्री से अधिक तापमान दर्ज किया गया। पानी, लू के संकट से जूझ रहे लोगों को बेसब्री से मानसून का इंतजार है। क्योंकि जिस मात्रा में पानी की खपत हो रही है उसकी तुलना में उपलब्धता कम है। वैकल्पिक स्रोत बोर, कुएं, तालाब, नदी आदि सूखते जा रहे हैं। दूसरी तरफ लोगों को पानी के लिये काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। नलों से आ रहा पानी पीने योग्य नहीं है। इसलिये कई वार्डों में स्थानीय रहवासी खरीदे हुए पानी से दिन काट रहे है। ताकि संक्रमित, प्रदूषित पेयजल के उपयोग से बच सके। रोजाना कंटेनर का पानी खरीद कर प्यास बुझाने की जुगत शुरू कर दी है।

हास्टल सहित व्यवसायिक इमारतों में सरकारी प्रतिष्ठानों में पानी की कमी के कारण काम करने वाले कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सूचना यह है कि पानी की कमी के कारण कई लोग अपने गृहग्राम लौट गये है। इन लोगों का कहना है कि बारिश बाद वापसी करेंगे। जबकि पानी के लिये पंप लगाकर चोरी करने की शिकायते एक बार फिर से तेज हो गई है। लिहाजा तय है कि समस्या से आम लोग प्रभावित है। निस्तारी वाले तालाबों में पानी नहीं रह गया है। साथ में बोर सुखने के प्रकरण बढ़ते जा रहें हैं। जिला कलेक्टोरेट में सूखे बोर की गहराई बढ़ाने की कई आवेदन्र पेश किये गये है। मैदानी क्षेत्रों के साथ-साथग्रामीण इलाकों में संकट बढ़ रहा है इसका असर खेती पर भी दिखलाई देने लगा है। लिहाजा बारिश को लेकर अब धीरे-धीरे आम लोगों ने इंद्रदेव से प्रार्थनाएं शुरू कर दी है।

टैंकरों में लाईन
पानी की समस्या से जूझ रहे देवपुरी, संतोषीनगर, धरमनगर, पचपेड़ी नाका इलाकों में टैंकर के पहुंचते ही आम लोगों की लाईने लगने लगी है। साथ में बर्तनों के आवाज से स्पष्ट होने लगा है लोग पानी की जुगत में भाग रहे है। इसके अलावा सरकारी कार्यालयों में पीने के पानी के लिये लोगों को मांग करते देखा जा रहा है।

सरकारी और निगम क्वार्टर में पानी की चोरी
जानकार सूत्रों के मुताबिक सरकारी बंगलों और नगर निगम के क्वार्टरों में रहने वाले लोगों के द्वारा पानी की खुलेआम चोरी कर रहे है। एक-एक घर में 3 से अधिक कनेक्शन लगाये गये है। इसमें टिल्लू पंप लगाकर चोरी की जा रही है।
साथ ही व्यवसायिक कार्यों के लिये भी पानी उपयोग में लाया जा रहा है।
जबकि निगम ठेकेदारों को जानकारी होने के बावजूद कार्रवाई नहीं हो पा रही है।

पशु-पक्षी और मवेशी परेशान
भीषण गर्मी की चपेट में न केवल आम लोग है बल्कि पशु-पक्षी मवेशी भी संकट से जूझ रहे है। दो बूंद पानी के लिये इन मवेशियों को भटकते देखा जा सकता है। साफ है कि पानी की समस्या विकराल होते जा रही है। दूसरी तरफ लोग मवेशियों को पानी पिलाने की परंपरा का निर्वहन कर संकट से उबारने की कोशिश कर रहे है।


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