डॉ. वीरेन्द्र कुमार बने लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर
लोकसभा सचिवालय द्वारा आज जारी अधिसूचना के अनुसार राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 17वीं लोकसभा के 17 जून 2019 को आरंभ

नई दिल्ली । सत्रहवीं लोकसभा के गठन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड की टीकमगढ़ सीट से निर्वाचित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद डॉ. वीरेन्द्र कुमार को अस्थायी लोकसभा अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) नियुक्त किया गया है।
लोकसभा सचिवालय द्वारा आज जारी अधिसूचना के अनुसार राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 17वीं लोकसभा के 17 जून 2019 को आरंभ हो रही पहली बैठक के लिए संविधान के अनुच्छेद 95 की धारा एक के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों के अनुरूप लोकसभा सदस्य डॉ. वीरेन्द्र कुमार को अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति नये अध्यक्ष के चुनाव तक प्रभावी होगी।
डॉ. वीरेन्द्र कुमार लोकसभा के नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाएंगे। राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 99 के अनुसार श्री कोडिकुनिल सुरेश, श्री ब्रजभूषण शरण सिंह और श्री भर्तृहरि मेहताब को भी पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया है। नये सदस्य इन तीनों के समक्ष भी लोकसभा की सदस्यता की शपथ ले सकते हैं।
सत्रहवीं लोकसभा का पहला सत्र 17 जून से आरंभ होगा और 26 जुलाई तक चलेगा। उन्नीस जुलाई को नये अध्यक्ष का चुनाव होगा जबकि 20 जुलाई को राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करेंगे। पांच जुलाई को नयी सरकार का पहला बजट पेश किया जाएगा।
मध्यप्रदेश के सागर में फरवरी 1954 में जन्मे डॉ. वीरेन्द्र कुमार लगातार सातवीं बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं। उन्होंने सागर के डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एम ए तक शिक्षा हासिल की और फिर बाल मजदूरी के विषय में पीएचडी की उपाधि हासिल की। वह बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक रहे हैं।
वह पेशे से किसान रहे हैं और समाज सेवा में सक्रिय रहे हैं। उनके परिवार में पत्नी, एक पुत्र और तीन पुत्रियां हैं। वह लोकनायक जयप्रकाश नारायण के आंदोलन से जुड़े रहे। वह आपातकाल में करीब 16 महीने तक जबलपुर की जेल में कैद भी रहे। उनका राजनीतिक कैरियर 1977 से शुरू हुआ था। वह छात्र राजनीति में सक्रिय रहे और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सागर में जिला संयोजक रहे। वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला महामंत्री और बजरंग दल के जिला संयोजक भी रहे। वह पहली बार 1996 में लोकसभा के लिए चुने गये। पिछली सरकार में वह महिला एवं बाल विकास तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभागों के राज्य मंत्री रहे हैं।


