सीयू के नये कुलाधिपति बने डा.मोडक
गुरू घासीदास विश्वविद्यालय की सर्वोच्च संवैधानिक समिति कार्यपरिषद की बैठक 9 जुलाई को प्रात: 11.30 बजे कुलपति प्रोफेसर अंजिला गुप्ता की अध्यक्षता में हुई

बिलासपुर। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय की सर्वोच्च संवैधानिक समिति कार्यपरिषद की बैठक 9 जुलाई को प्रात: 11.30 बजे कुलपति प्रोफेसर अंजिला गुप्ता की अध्यक्षता में हुई। यह अत्यंत हर्ष की बात है कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय के विजिटर राष्ट्रपति द्वारा गुरू घासीदास विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के रूप में डॉ. अशोक गजानन मोडक की नियुक्ति की गई है।
बैठक में सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए कुलपति ने अत्यंत हर्ष के साथ सूचित किया कि राष्ट्रपति भवन से प्राप्त पत्र के अनुसार लंबे समय से रिक्त कुलाधिपति के पद पर प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ. अशोक गजानन मोडक की नियुक्ति कर दी गई है। उन्होंने सन् 1980 में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से अर्थशास्त्र में पी-एच..डी. उपाधि प्राप्त की है। उन्होंने ''सोवियत इकॉनामी एड टू इंडिया'' में शोध किया है। शिक्षा के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें 06 जनवरी, 2015 को राष्ट्रीय अनुसंधान प्राध्यापक नामित किया। 21 जनवरी, 2016 को उन्हें 03 वर्ष के लिए भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद की सामान्य सभा का सदस्य नियुक्त किया गया।
उन्होंने पुणे विश्वविद्यालय से एम.ए. अर्थशास्त्र (1963) एवं एम.ए. राजनीति विज्ञान (1967) की पढ़ाई की। सन् 1963 में कला, विज्ञान एवं वाणिज्य महाविद्यालय चालीसगांव (जलगांव, महाराष्ट्र) में अर्थशास्त्र के व्याख्याता के रूप में उन्होंने अपना शैक्षणिक कैरियर प्रारंभ किया। बाद में वे मुंबई विश्वविद्यालय ने सोवियत अध्ययन केन्द्र में रीडर बने। सन् 2006 में मुंबई विश्वविद्यालय के केन्द्रीय यूरेशियन अध्ययन केन्द्र में एडजंक्ट प्रोफेसर नियुक्त कर उन्हें सम्मानित किया गया। 1986 में अमेरिकी सरकार ने उन्हें महाशक्ति संबंधों पर बोलने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कई विदेश यात्राएं भी की। वे 30 किताबों के रचयिता हैै। वहीं उनके 104 अधिक शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त विभिन्न समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके है। डॉ. मोडक का जन्म सन् 1940 में हुआ। इंटरनेशनल स्टडीज, जर्नल ऑफ इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स नई दिल्ली एवं एटर्नल इंडिया जैसी पत्रिकाओं में वे नियमित रूप से लिख रहे है। 1994 एवं 2000 में वे महाराष्ट्र में विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित हुए। 2006 तक करीब 12 साल वे विधान परिषद सदस्य रहे। वर्तमान में वे महाराष्ट्र की दो शैक्षणिक संस्थाओं के अध्यक्ष हैं। 1997 में मुंबई विधान परिषद ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ संसदीय अवार्ड से सम्मानित किया। डॉ. मोडक की कुलाधिपति के रूप में नियुक्ति से विश्वविद्यालय गौरवान्वित हुआ है। विभिन्न क्षेत्रों में उनके व्यापक अनुभवों के लाभ से विश्वविद्यालय निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहेगा।


