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ईंट-भट्ठे में मजदूरी करने वाले डॉ. आलोक कुमार पहली बार बने सांसद

इस बार के लोकसभा चुनाव में जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के टिकट से पहली बार गोपालगंज (सुरक्षित) से संसद भवन तक का सफर भी तय किया है।

ईंट-भट्ठे में मजदूरी करने वाले डॉ. आलोक कुमार पहली बार बने सांसद
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गोपालगंज । कभी ईंट-भट्ठे में मजदूरी करने वाले डॉ. आलोक कुमार सुमन अपनी कड़ी मेहनत और लगन की बदौलत न केवल चिकित्सक बने बल्कि इस बार के डॉ. आलोक कुमार लोकसभा चुनाव में जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के टिकट से पहली बार गोपालगंज (सुरक्षित) से संसद भवन तक का सफर भी तय किया है।

बिहार के गोपालगंज जिले में यादवपुर थाना क्षेत्र के यादवपुर दु:खहरण गांव में 04 मार्च 1957 को गरीब परिवार में जन्मे डॉ. आलोक कुमार सुमन के पिता जयश्री राम चालक थे। फूलमती देवी के पुत्र डॉ. आलोक तीन भाई और दो बहनों में सबसे बड़े हैं। उनके पिता वाहन चलाकर परिवार का भरण-पोषण करते थे। पिता की कमाई अधिक नहीं थी, जिस वजह से आलोक को ईंट-भट्ठे पर मजदूरी करनी पड़ी। गांव के स्कूल में सातवीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह घर से भागकर मुंबई चले गये और वहां एक गैराज में काम करने लगे।

आलोक का मन गैराज में नहीं लगा और वह कुछ बनने की लालसा लिये वापस अपने गांव लौट आये। आलोक ने फिर से पढ़ाई शुरू की। उन्होंने शहर के वीएम हाई स्कूल में दाखिला लिया और मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की। इसके बाद आलोक ने पटना के विख्यात साइंस कॉलेज में दाखिला ले लिया। इंटर की पढ़ाई पूरी करने के बाद आलोक ने पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दाखिला लिया जहां उन्होंने एबीबीएस और एमएस की पढ़ाई पूरी की।
इसके बाद डॉ. आलोक को दिल्ली के डॉ. राममनोहर लोहिया अस्पताल में काम करने का अवसर मिला। कुछ समय तक राम मनोहर लोहिया में सेवा देने के बाद श्री सुमन को बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग में नौकरी मिल गई। वह गोपालगंज के सदर अस्पताल में सर्जन के पद पर काम करने लगे।

डॉ. आलोक अपने छात्र जीवन से राजनीति में रूचि रखते थे। उन्होंने वर्ष 2014 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता ग्रहण की और राजनीति में पहला कदम रखा। हालांकि हाल ही में वह भाजपा का दामन छोड़कर जनता दल यूनाईटेड (जदयू) में शामिल हो गये। जदयू ने आलोक कुमार सुमन को इस बार के चुनाव में गोपालगंज (सु) सीट से पार्टी का टिकट दिया और वह राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रत्यशी सुरेन्द्र राम को पराजित कर पहली बार सांसद बनने में कामयाब हुए।

डॉ. आलोक के दो छोटे भाई सत्यविजय, लोकसभा की विधि और संवैधानिक इकाई में संयुक्त निदेशक हैं जबकि उनके एक और भाई अमर कुमार गोपालगंज के सदर अस्पताल में चिकित्सक के तौर पर कार्यरत हैं। डा.सुमन की पत्नी कुमारी सविता सुमन गृहणी हैं।


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