किसान आंदोलन के बहाने एकजुट हुए दर्जनों संगठन घोषणापत्र पर अमल को लेकर चलाएंगे मुहिम
नवा रायपुर में प्रभावित किसानों के पुनर्वास एवं रोजगार को लेकर 3 महीने से चल रहे आंदोलन का जल्द ही विस्तार होने जा रहा है

रायपुर। नवा रायपुर में प्रभावित किसानों के पुनर्वास एवं रोजगार को लेकर 3 महीने से चल रहे आंदोलन का जल्द ही विस्तार होने जा रहा है। छत्तीसगढ़ के 3 दर्जन से भी अधिक संगठनों ने एकजुटता दिखाते हुए 12 अप्रैल को एक नई मुहिम शुरू करने का ऐलान किया है। इसके तहत सर्व आंदोलनकारी संगठन तैयार किया गया है, जिसका संक्षिप्त नाम साँस रखा गया है।
रायपुर प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में नवा रायपुर प्रभावित किसानों के नेता रूपन लाल चंद्राकर ने बताया कि उनके आंदोलन को 90 दिनों से अधिक हो गए हैं। इस बीच उनकी मांगों को लेकर मंत्रिमंडलीय समिति से उनकी वार्ता भी हुई, मगर प्रमुख मांगों का कोई भी हल नहीं निकल सका है। इस आंदोलन के दौरान उन्हें राज्य भर के कई किसान और अन्य संगठनों का समर्थन भी मिला है, जिसकी बदौलत यह आंदोलन अब भी जारी है।
इस आंदोलन के दौरान यह तय किया गया कि अब सभी संगठन एकजुट होकर प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा चुनाव से पूर्व जन-घोषणापत्र में जो वायदे किये गए थे, उसे पूरा कराने के लिए मुहिम चलाया जाये। दरअसल प्रदेश में विभिन्न मुद्दों पर कई संघ, समिति, सभा, मंच बनाकर आन्दोलनरत हैं। अब सभी संगठित होकर अपनी-अपनी समस्याओं व मांगो के लिए एकजुट होकर आवाज बुलंद करेंगे। इनमें सर्व आदिवासी समाज, अनियमित कर्मचारी, आंगनबाड़ी कर्मचारी से लेकर चिटफंड मामले में धोखाधड़ी का शिकार हुए अभिकर्ताओं का संगठन भी शामिल है।
एक मंच पर आये 38 संगठन
रुपन चंद्राकर ने बताया कि नवा रायपुर प्रभावित किसान परिवारों के अधिकारों का कथित रूप से हनन करने और अन्य कई वजहों से पीडि़त और व्यथित होकर छत्तीसगढ़ के अनेक आन्दोलनकारी संगठन अब एक साथ मिलकर अपनी आवाज बुलंद करेंगे। अब तक ऐसे 38 संगठनों ने एकजुटता दिखाई है। संयुक्त संगठन को नाम दिया गया है।
सर्व आंदोलनकारी संगठन, जिसका संक्षिप्त नाम साँस रखा गया है।5 अप्रैल को इन संगठनो की बैठक नवा रायपुर के किसान धरना स्थल पर होगी और फिर 12 अप्रैल को इस संयुक्त संगठन का ऐलान किया जायेगा। इस दिन किसानो के आंदोलन का 100 दिन पूरा होने जा रहा है।


