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किसानों से पंगा न लें, ‘मुर्दाबाद’ सुनने की आदत डाल लें मान : सिद्धू

पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान काे किसानों से पंगा नहीं लेना चाहिए और जहां तक ‘मुर्दाबाद‘ के नारों की बात है

किसानों से पंगा न लें, ‘मुर्दाबाद’ सुनने की आदत डाल लें मान : सिद्धू
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चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान काे किसानों से पंगा नहीं लेना चाहिए और जहां तक ‘मुर्दाबाद‘ के नारों की बात है, सुनने की आदत डाल लें क्योंकि विपक्ष में वह खुद हमेशा ‘मुर्दाबाद’ के नारे लगाते रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने किसानों के आंदोलन को ‘अनुचित’ और ‘अवांछनीय’ करार देते हुए पंजाब में पानी के गिरते स्तर एवं पर्यावरण को बचाने में प्रदेश की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार से सहयोग की अपील वाला बयान जारी किया था।

इसी बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री सिद्धू ने ट्वीट की एक श्रृंखला में कहा कि वह बासमती और मूंग पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा का स्वागत करते हैं और मंत्रिमंडल की बैठक बुलाने और इसे अधिसूचित करने की मांग करते हैं ताकि किसानों को विश्वास हो।

उन्होंने कहा कि जहां तक ‘मुर्दाबाद’ की बात है तो श्री मान खुद विपक्ष में जिंदगी भर ‘मुर्दाबाद’ के नारे लगाते रहे हैं, अत: उन्हें ‘अन्नदाता’ को सुनने की आदत डालनी चाहिए। कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री को समाधान के लिए पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास भागने से गुरेज करने की भी नसीहत दी और कहा कि श्री केजरीवाल का किसानों को ‘पीठ दिखाने’ का इतिहास है।

उन्होंने कहा कि ऐसा कोई वैज्ञानिक अध्ययन नहीं है जो साबित करता हो कि सीधी बिजाई से पानी बचाया जा सकता है और यह 80 फीसदी किसानों, जिन्होंने पराली जलाई है और ‘पनीरी’ (रोपाई) शुरू कर दी है, के लिए संभव भी नहीं होगा। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि 18 और 10 जून के बीच फर्क क्या है, यदि बिजली की समस्या बनी रहती है।

श्री सिद्धू ने कहा कि मुख्यमंत्री को किसानों से सच बोलना चाहिए और अपने आईटी सेल को काबू करना चाहिए, किसानों की उपेक्षा और अपमान करने वाले रवैये मुख्यमंत्री की विश्वसनीयता को खतरे में डाल रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को नसीहत दी, “ जिद्दी मुख्यमंत्री बनने के बजाय लचीले राजनीतिज्ञ बनें, किसानों को बातचीत के लिए बुलाएं और उनके मुद्दे सुलझाएं। ”

श्री सिद्धू ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि किसानों से टकराव की भूमिका न अपनाएं क्योंकि किसान आजादी का 60 फीसदी हिस्सा हैं और प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, किसानों से कोई नहीं जीत सकता। यदि आपसी बातचीत से उनके मुद्दे सुलझाएंगे तो सरकार की 70 फीसदी समस्याएं स्वत: समाप्त हो जाएंगी।

कांग्रेस नेता ने कहा कि गेहूं पर बोनस की किसानों की मांग भी जायज है।


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