अनियमितता की शिकायत पर दवाई दुकान का लाइसेंस निलंबित
डौण्डी ! शासन प्रशासन व्दारा झोला छाप डॉक्टरों पर कार्यवाही के बाद नगर के मेडिकल स्टोर्स पर कार्यवाही को लेकर ब्लॅाक की जनता ने इसे प्रशासन का अच्छा कदम बताया है ।

देशबन्धु की खबर का असर
डौण्डी ! शासन प्रशासन व्दारा झोला छाप डॉक्टरों पर कार्यवाही के बाद नगर के मेडिकल स्टोर्स पर कार्यवाही को लेकर ब्लॅाक की जनता ने इसे प्रशासन का अच्छा कदम बताया है । प्रशासन के इन्ही कार्यवाही के तहत डौंण्डी में स्थित प्रेम मेडिकल जो की भिलाई के पते पर वह खिलेश कुमार साहु के नाम पर जिसका लाईंसेंस है । इसी मेडिकल स्टोर के मालिक महेन्द्र साहु पर ड्र्क कन्र्टेलर संजय जाडेकर व जिला दुर्ग इंस्पेक्टर दीपिका चुरेन्द्र के व्दारा जांच करने पर भारी अनियमितता मिली जिस पर मेडिकल स्टोर के लाईसेंस को 5 दिनों के लिए निलम्बित कर दिया गया है व अधिकरियों व्दारा सख्त निर्देशों के साथ विभागिय नोटिस देते हुए कहा कि अनुज्ञप्ति के अनुसार दवाईयों की बिक्री करे सुधार नही होने पर लाइसेंस हमेशा के लिए रद्द कर दिया जायेगा । इस मामले में मेडिकल स्टोर के मालिक महेन्द्र साहु का कहना है कि इस प्रकार की कार्यवाही होती रहती है । इसी महेन्द्र साहु के व्दारा डौण्डी के सामुदायिक शासकीय स्वास्थ्य केन्द्र में स्थित जन औशधी मेडिकल स्टोर का संचालन किया जा रहा हैं । आज ग्रामिणों को चिकित्सा सुविधा के साथ मरिजों को सस्ती दर पर दवाईया उपलब्ध कराने शासन कई तरह की योजना शासकीय अस्पातलों में संचालित कर रही है । वही इस संचालक के व्दारा शासकीय अस्पातल में आनें वालें गरीब मरीजों को जन औषधी दवाई के जगह इथिकल जैसी महंगी दवाई देकर गरिब मरिजों का आर्थिक शोषण कर रहा है । इस मामलेे की खबर को पुर्व में देशबन्धुु ने प्राथमिकता से उठाया था । महंगी इथिकल दवाई की बिक्री के लिए ही जन औशधी के संचालक व्दारा दुसरे के लाईंसेंस में इस केन्द्र के 500 मीटर पर दुसरा मेडिकल खोल रखा है जिससे दवाईयों की हेरा-ंफेरी कर शासकीय अस्पताल में आने वाले गरीब मरीजों का आर्थिक शोषण कर सके । शासकीय अस्पातल के मरिजों के शिकायत पर जन औषधि के संचालन कर्ता के पूछने पर की आप के व्दारा जन औषधि दवाई के जगह महंगी दवाई मरिजों को देते है । जो की नियम विरूध्द व गैर कानुनी भी है तब उनका कहना था कि इन संबंध में आप अस्पताल के डॉक्टरों से जाकर पूछें शासकीय अस्पातल के डॉक्टरों की सभी प्रकार की व्यवस्था मेरे व्दारा किया जाता है। जबकी शासन का स्वास्थ्य विभाग में स्पश्ट निर्देष है कि जनता के लिए अधिक से अधिक दवाई निषुल्क उपलब्ध करायी जावे व जो दवाईयां अस्पातल में उपलब्ध न हो उनके लिए जन औषधि दवाईयां ही लिखे पूर्व में शासकीय अस्पातल में मौजुद डॉक्टर ने नाम नही छापने के शर्त पर जन औ-षधि संचालक के संबंध में बताया की यह संचालक खुद ही डॉक्टर बना बैठा है । अस्पातल में आने वाले मरीजों को जन औषधि केन्द्र में ही इलाज कर चलता कर देता है । मरीज हम डॉक्टरों एवं अस्पातल में पहुच ही नही पाते है । इस संबंध में जब हमारे प्रतिनिधि ने पुर्व में इस मामले को लेकर खण्ड चिकित्सा अधिकारी से बात की तो उन्होने तुरंत इस संचालक पर कार्यवाही करते हुए सख्त हिदायत देते हुए अपने कार्य में सुधार करने की बात कही दोबारा इस प्रकार की शिकायत मिलने पर उचित कार्यवाही की जायेगी । ऐसी बाते ही महेन्द्र साहु को ड्र्क कन्र्टोलर संजय जाडेकर ने भी कही है ।


