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बिहार नगर निकाय चुनाव में भाजपा समर्थकों का दबदबा

बिहार नगर निकाय चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समर्थित ज्यादा प्रत्याशियों के विजई होने से भाजपा उत्साहित है।

बिहार नगर निकाय चुनाव में भाजपा समर्थकों का दबदबा
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पटना, 31 दिसम्बर: बिहार नगर निकाय चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समर्थित ज्यादा प्रत्याशियों के विजई होने से भाजपा उत्साहित है। पटना नगर निगम के मेयर पद पर फिर से कब्जा जमाने वाली सीता साहू और डिप्टी मेयर पद पर जीती रेशमी चंद्रवंशी भी भाजपा समर्थित बताई जाती हैं। वैसे, बिहार में नगर निकाय चुनाव दलगत आधार पर नहीं होते, लेकिन सभी राजनीतिक दलों की नजर इस चुनाव पर लगी थी। इस चुनाव में विभिन्न पदों पर जीते प्रत्याशी सत्ताधारी महागठबंधन समर्थित भी बताए जा रहे हैं । शुक्रवार को मतगणना के दौरान चुनाव के नतीजे आने शुरू होने के साथ भाजपा कार्यालय में भी खुशी देखी गई।

पटना नगर निगम में सीता साहू ने मजहबी को पराजित किया, तो डिप्टी मेयर पद पर रेशमी चंद्रवंशी विजई हुई। भाजपा के नेताओं का दावा है कि नगर निकाय चुनाव के दूसरे चरण में जिन 17 नगर निगमों में मेयर और डिप्टी मेयर के पदों पर चुनाव हुए, उनमें से आधे से अधिक जगहों पर भाजपा समर्थकों का दबदबा रहा।

महागठबंधन का दावा है कि कई क्षेत्रों में उसके कार्यकतार्ओं की भी जीत हुई है।

कटिहार मेयर पद पर जीती उषा देवी अग्रवाल भाजपा एमएलसी आशोक अग्रवाल की पत्नी हैं, जबकि बिहार शरीफ से मेयर पद पर जीती अनिता देवी जदयू समर्थित बताई जा रही है। इसी तरह भागलपुर मेयर के रूप में विजई वसुंधरा लाल भाजपा समर्थित तो भागलपुर से जीती अंजुम आरा कांग्रेस की समर्थक मानी जाती है।

हालांकि राजद इसे दल से जोड़कर देखने को सही नही मानता। राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि राज्य में नगर निकाय चुनाव राजनीतिक दल की तर्ज पर नहीं हुए और किसी उम्मीदवार की जीत को किसी राजनीतिक दल की जीत घोषित नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़े गए और यह प्रत्याशियों की जीत है।

इधर, भाजपा के प्रवक्ता मनोज शर्मा कहते हैं कि विधानसभा उपचुनाव परिणाम से ही यह संकेत मिल गए थे कि बिहार के लोग महागठबंधन को नकार चुके हैं, नगर निकाय चुनाव ने इस संकेत पर मुहर लगा दी। आज नगर निकाय चुनाव में जीते प्रत्याशी भाजपा के कार्यकर्ता हैं।

उल्लेखनीय है कि इस चुनाव में 23 जिलों में 11,127 उम्मीदवारों का राजनीतिक भविष्य दांव पर लगा था। 28 दिसंबर को 23 जिलों में 135 नगर निकायों में 1529 वाडरें समेत 1665 पदों के लिए चुनाव हुए थे।


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