Top
Begin typing your search above and press return to search.

घरेलू बाजार में चीनी के दाम में करीब 500-600 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा

नकदी के संकट से जूझ रहे चीनी उद्योग की सेहत सुधारने के लिए केंद्र सरकार की ओर से की गई पहल का असर बाजार में दिखने लगा

घरेलू बाजार में चीनी के दाम में करीब 500-600 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा
X

नई दिल्ली। नकदी के संकट से जूझ रहे चीनी उद्योग की सेहत सुधारने के लिए केंद्र सरकार की ओर से की गई पहल का असर बाजार में दिखने लगा है। पिछले करीब एक महीने में घरेलू बाजार में चीनी के दाम में करीब 500-600 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा हुआ है। देश की राजधानी दिल्ली में गुरुवार को चीनी का खुदरा मूल्य 37-40 रुपये प्रति किलोग्राम था। व्यापारिक सूत्रों के अनुसार गुरुवार को दिल्ली में चीनी का थोक मूल्य 3360-3480 रुपये प्रति क्विंटल था जबकि उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों का एक्स मिल डिलीवरी रेट 3120-3260 रुपये प्रति क्विंटल था। करीब एक महीने पहले 10 मई 2018 को उत्तर प्रदेश चीनी मिलों का एक्स मिल रेट 2520-2670 रुपये प्रति क्विंटल था और दिल्ली में थोक मूल्य 2850-3000 रुपये प्रति क्विंटल था।

दिल्ली के चीनी डीलर सुशील कुमार ने आईएएनएस को बताया कि चीनी का एक्स मिल डिलीवरी रेट में पिछले एक महीने में काफी तेजी आई है। एक्स मिल रेट बढ़ने से राजधानी में चीनी के दाम में इजाफा हुआ है।

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में गुरुवार को एस-ग्रेड चीनी का नाका डिलीवरी रेट 2970-3040 रुपये प्रति क्विंटल और एम-ग्रेड का 3110-3140 रुपये प्रति क्विंटल था। वहीं बंबई शुगर मर्जेट एसोसिएशन के भाव के अनुसार, चीनी का थोक मूल्य मुंबई में एस-ग्रेड में 2982-3052 रुपये प्रति क्विंटल और एम-ग्रेड में 3030-3220 रुपये प्रति क्विंटल था।

केंद्र सरकार ने नकदी संकट से जूझ रहे खस्ताहाल घरेलू चीनी उद्योग की सेहत सुधारने के मकसद से बुधवार को 70 अरब रुपये की राहत पैकेज का एलान किया।

सरकार ने चीनी उत्पादन व विपणन वर्ष-2017-18 (अक्टूबर-नवंबर) में 30 लाख टन चीनी के बफर स्टॉक को मंजूरी प्रदान की। इसके अलावा सरकार ने चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य यानी एक्स मिल रेट 29 रुपये प्रति किलोग्राम तय किया है।

खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने बुधवार को कहा कि गन्ना किसानों का मिलों पर 22,000 करोड़ रुपये बकाया है, जिसका भुगतान समय से करने को लेकर सरकार ने चीनी मिलों को सहायता करने का फैसला किया है।

इससे पहले सरकार ने गन्ना उत्पादकों के बकाये का भुगतान करने के लिए मिलों द्वारा खरीदे गए पर 55 रुपये प्रति टन के हिसाब से सीधे किसानों के खाते में भुगतान करने का एलान किया था, जोकि चालू सत्र में निर्धारित गóो का लाभकारी मूल्य 2550 रुपये प्रति टन का हिस्सा है।

देश में चालू पेराई सत्र 2017-18 में देश में 320 लाख टन के करीब चीनी उत्पादन का अनुमान है, जबकि सालाना घरेलू खपत 250 लाख टन है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it