कुत्तों ने नोंच-नोंचकर चीतल को मार डाला
कोरबा वन मंडल के करतला वन परिक्षेत्र के खरहरी गांव में पहाड़ से उतर कर नीचे आए चीतल को कुत्तों ने घेर कर हमला कर दिया

पानी की तलाश में पहाड़ से उतरकर बस्ती पहुंचा था
कोरबा। कोरबा वन मंडल के करतला वन परिक्षेत्र के खरहरी गांव में पहाड़ से उतर कर नीचे आए चीतल को कुत्तों ने घेर कर हमला कर दिया। खूनी संघर्ष में कुत्तों की झुंड ने दौड़ा-दौड़ा कर चीतल को कई बार नोंचा। आख़िरकार चीतल की मौत के बाद ही कुत्ते वहां से भागे।
जानकारी के अनुसार मड़वारानी पहाड़ से पानी की तलाश में एक नर चीतल बस्ती की तरफ आकर बस्ती से लगे चेकडेम में पानी पीने चला गया। इस बीच चीतल को देख कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। वन सुरक्षा समिति के अध्यक्ष शिवकुमार की मानें तो सुबह करीब 7 बजे उन्होंने चीतल पर हमला करते कुत्तों को देखा था, खूनी संघर्ष के बाद कुत्तों ने चीतल को नोंच-नोंच बुरी तरह घायल कर दिया। कुत्तों को भगाकर वन विभाग को मामले की सूचना दी गई।
वन अधिकारियों ने घटना स्थल पहुंचकर आवश्यक कार्यवाही करते हुए चीतल का शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया और वनकर्मियों ने उसका अंतिम संस्कार किया। इधर कुत्तों के हमले से चीतल की मौत पर ग्रामीणों ने वन अधिकारियों के सामने हंगामा करते हुए कहा कि आए दिन वन्य प्राणियों की किसी ना किसी वजह से मौत हो रही है।
उनकी सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पहाड़ ऊपर जंगल में पानी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने की वजह से जंगली जानवर बस्ती की ओर आते हैं।
जानवरों के लिए पानी के विकल्प पर विचार- मिश्रा
कोरबा वन मंडल अनुविभागीय अधिकारी दक्षिण क्षेत्र प्रणय मिश्रा ने बताया कि कुत्ते के हमले से एक नर चीतल की मौत हो गई है। चीतल की उम्र तकरीबन 3 वर्ष मानी जा रही है। मड़वारानी पहाड़ी पर पानी की व्यवस्था करने का कई बार प्रयास किया गया है लेकिन 4 बार बोर फेल हो जाने की वजह से जानवर नीचे बस्ती की ओर पानी पीने आते हैं।
उपर में सामुदायिक भवन के बगल में एक बोर काम कर रहा है लेकिन उसे कम चलाया जा रहा है क्योंकि अधिक पानी निकलने की वजह से चट्टानों में दरार आ जाती है। फिलहाल पहाड़ के ऊपर जानवरों को पानी देने के अन्य विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।


