डॉग लवर्स ने डॉग पालिसी पर दिए सुझाव : कुत्तों के मुंह पर जाली लगाए जाने पर आपत्ति, बोले अलग से लिफ्ट का इस्तेमाल किया जाए
शहर में लागू की डॉग पालिसी के बाद नोएडा प्राधिकरण ने पहली बार सेक्टर के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष और डॉग लवर्स के साथ बैठक की

नोएडा। शहर में लागू की डॉग पालिसी के बाद नोएडा प्राधिकरण ने पहली बार सेक्टर के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष और डॉग लवर्स के साथ बैठक की। ओएसडी इंदू प्रकाश सिंह ने बताया बैठक में डॉग पालिसी को लेकर गहन चर्चा की गई। इस मौके पर आरडब्ल्यूए अध्यक्ष और डॉग लवर्स की ओर से सुझाव दिए गए। आरडब्ल्यूए ने राय दी कि दोनों ही लोग आपस में समन्वय बनाकर मिलजुल कर रहे।
आरडब्ल्यूए ने सुझाव दिया कि पालतू पेट के साथ स्ट्रीट डॉग्स का रजिस्ट्रेशन कराया जाए। बिल्लियों की वैक्सीनेशन और नसबंदी कराई जाए उनका ब्लड सैंपल लेकर जांच भी कराई जाए। फीडर के लिए आईकार्ड जारी किए जाए। हर सेक्टर की ग्रीन बेल्ट में डॉग्स के लिए अलग पार्क होने चाहिए। डॉग मालिकों के लिए अलग से लिफ्ट होनी चाहिए। यदि पालतू कुत्ते द्वारा स्ट्रीट डॉग को घायल किया जाता है। इस स्थिति में डॉग मालिक पर जुर्माना लगाया जाए। इसी प्रकार कई और भी सुझाव दिए गए।
ओएसडी इंदू प्रकाश ने कहा कि आए हुए सुझावों पर विचार विमर्श किया जाएगा। इसके बाद ये तय किया जाएगा कि पॉलिसी से किन बिंदुओ को हटाया जाए और किनको शामिल किया जाए। बैठक में उप महाप्रबंधक एसपी सिंह, परियोजना अभियंता विजय रावल, आरके शर्मा, गाइडेड फॉर्च्यन समिति, फोनरवा, नोफा, डीडी आरडब्ल्यूए व अन्य डॉग लवर्स उपस्थित रहे।
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इन तीन प्वाइंट पर हुई गहन चर्चा
कुत्तों के मुंह पर जाली लगाए जाने पर आपत्ति की गई इसके स्थान पर सहमति दी गई कि सोसाइटी में अलग लिफ्ट का इस्तेमाल किया जाए।
शेल्टर होम बनाया जाए तो वहां पर देखरेख के लिए स्थाई रूप से आदमी की नियुक्ति होनी चाहिए।
डॉग फिडिंग सेंटर सोसायटी के बाहर ने बनाए जाएं अन्यथा जब कुत्ते बाहर जाएंगे तो उनके साथ बाहर के भी कुत्ते अंदर आ जाएंगे।
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वर्तमान में लागू डॉग पालिसी
- 31 मार्च तक NPRA के जरिए नोएडा में डॉग और बिल्ली दोनों का रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
- पालतू डॉग का स्ट्रेलाइजेशन और एंटीरेबीज वैक्सीनेशन कराना अनिवार्य है। ऐसा नहीं कराने पर एक मार्च 2023 से प्रतिमाह 2000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।
- नोएडा प्राधिकरण एओए , आरडब्ल्यूए और ग्रामवासियों की सहमति पर अपने खर्च पर डाग्स शेल्टर बनाए जाएंगे। जिनमें बीमार, उग्र और आक्रामक हो चुके डॉग को रखा जाएगा उनकी निगरानी की जाएगी। इन शेल्टर के रख रखाव की जिम्मेदारी आरडब्ल्यूए , एओए की होगी।
- डॉग फीडर्स की मांग पर उनके सहयोग से आवश्यकता होने पर आ रडब्ल्यूए और एओए की ओर से आउटडोर एरिया में फीडिंग स्थल चिह्नित किए जाएंगे। जहां पर उनके द्वारा सूचना बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा। खाने पीने की व्यवस्था आरडब्ल्यूए , एओए और फीडर्स की ओर से की जाएगी।
- डॉग के द्वारा कोई अप्रिय घटना की जाती है तो मालिक को 10 हजार रुपए जुर्माना , घायल का पूरा इलाज कराना होगा।
- रजिस्ट्रेशन के बाद एक बॉर कोड दिया जाए। जियो टैगिंग बार कोड पेट के गले में पहनाना होगा।
- रजिस्ट्रेशन कराने के बाद एक साल में 500 रुपए देकर उसे रिन्यू भी कराना होगा।
- डॉग ब्रीडिंग का काम फ्लैट या मकान में नहीं करा सकते है। यदि ऐसा मिला तो 5 हजार रुपए जुर्माना लगाया जाएगा।
- डॉग द्वारा सार्वजनिक स्थान पर गंदगी फैलाने पर पहली बार में मालिक पर 100 दूसरी बार में 200 और तीसरी बार 500 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।
- छह माह से अधिक होने पर नसबंदी करानी होगी।
- घर पर डॉग को अकेला नहीं छोड़ सकते है।
- रजिस्ट्रेशन के बाद पालतू की मौत हो जाती है तो उसे अपडेट कराना होगा।
- डॉग के ऊपर और कोई भी प्रतिबंध एओए और आरडब्ल्यूए नहीं लगा सकता है।
- रिहाएशी इलाके में ब्रीडिंग नहीं कराई जा सकती है।


