डाक्टरों ने वृद्ध मरीज के साथ बरती निष्ठुरता, राहगीरों ने की सहायता
अमेठी जिला अस्पताल के डाक्टरों ने एक वृद्ध असहाय मरीज के साथ एेसी निष्ठुरता बरती कि राहगीरों को उसकी सहायता के लिये आगे आना पडा।

अमेठी। गरीब और बुजुर्ग मरीजों की खातिर उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य सेवाओं में बढोत्तरी के दावे काे चिढाते हुये वीवीआईपी जिलों की फेहरिस्त में शामिल अमेठी जिला अस्पताल के डाक्टरों ने एक वृद्ध असहाय मरीज के साथ एेसी निष्ठुरता बरती कि राहगीरों को उसकी सहायता के लिये आगे आना पडा।
अमेठी के गौरीगंज जिला अस्पताल में इलाज कराने आयी सांस रोग की शिकार एक वृद्ध महिला रामपति (60) को चिकित्सकों ने ड्रिप चढाई और दवा लिखकर घर जाने को कहा। बुजुर्ग ने डाक्टरों से अनुरोध किया कि उसे अस्पताल में भर्ती कर लें अथवा दवाइयों देकर सरकारी एंबुलेंस से घर भिजवा दें।
चिकित्सकों ने डपट कर कहा कि दवाइयां बाहर से खरीदो और अपने साधन से घर जाओ। घर छोड़ने की जिम्मेदारी नहीं है। आंखों में आंसू लिये यह बुजुर्ग महिला लडखडाती हुयी अस्पताल से 50 क़दम की दूरी पर तपती धूप के बीच जाकर बैठ गयी। वहां से गुजर रहे राहगीर भारत भूषण और अमित शुक्ला ने महिला को तपती धूप में यूं सड़क किनारे पड़ा देखा। पूछने पर उन्हे माजरा पता चला। राहगीरों ने चंदा कर महिला को रिक्शा कर दिया और महिला सबको आशीष देती हुयी रवाना हो गयी।
इस मामले पर मुख्य चिकित्साधीक्षक डा. राजेश मोहन ने कहा कि मीडिया के माध्यम से उन्हें जानकारी हुई कि महिला रामपति इलाज से संतुष्ट हुई न हुई चली आई। उसे एम्बुलेंस की सुविधा नहीं दी गई। जबकि उनके यहां गम्भीर मरीज को हायर सेंटर में रेफर किया जाता है। उन्होंंने कहा के प्रमुख चिकित्साधिकारी से जांच कराया जायेगा फिर दोषी के विरुद्ध कठोर कारवाई की जायेगी।


