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भारत के पहले ओरल सर्जन का चिकित्सकों ने मनाया जन्मदिन

शारदा स्कूल ऑफ डेंटल साइंसेज के ओरल और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग ने भारत के पहले ओरल सर्जन डॉ. मीनू सोराबजी गिनवाला के जन्मदिन का सम्मान करने के लिए ओरल और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी दिवस मनाया

भारत के पहले ओरल सर्जन का चिकित्सकों ने मनाया जन्मदिन
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ग्रेटर नोएडा। शारदा स्कूल ऑफ डेंटल साइंसेज के ओरल और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग ने भारत के पहले ओरल सर्जन डॉ. मीनू सोराबजी गिनवाला के जन्मदिन का सम्मान करने के लिए ओरल और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी दिवस मनाया।

मैक्सिलोफेशियल सर्जन कई तरह की प्रक्रियाएं करते हैं, जिनमें अकल दाढ़, मुंह और जबड़े के सौम्य और घातक ट्यूमर, जबड़े में सिस्ट, दांतों और चेहरे की विकृति के लिए कॉस्मेटिक सर्जरी, जबड़े के जोड़ों के रोग (टीएमजे), फटे होंठ को शल्य चिकित्सा से हटाना शामिल है। और तालू और संबंधित विकृति, और चेहरे की बड़ी चोटें, जिसमें जबड़े और चेहरे की अन्य हड्डियों का फ्रैक्चर शामिल है।

विभाग द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जैसे रंगोली प्रतियोगिता, छात्रों के लिए फोटोग्राफी, और ई-पोस्टर मेकिंग। इस घटना ने लगभग 200 लोगों को आकर्षित किया।

कार्यक्रम में डॉ. राहुल दत्ता, डॉ. सूर्य उदय सिंह और डॉ. रोहित चंद्र प्रमुख वक्ता थे। छात्रों को संबोधित करते हुए डॉ. राहुल दत्ता ने कहा कि ष्मौखिक और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी में दंत चिकित्सा प्रशिक्षण बहुत महत्वपूर्ण है। यह विभाग 1991 से बहुत विकसित हुआ है। चेहरे की किसी भी सर्जरी में हमेशा दांत और मुंह शामिल होते हैं।

मुंह के कैंसर के प्रति जागरुकता जरूरी लोगों को पता होना चाहिए कि समस्या होने पर कब और किससे सलाह लेनी चाहिए। ओरल और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी में एमडीएस डॉ. सूर्य उदय सिंह ने 30 छात्रों के लिए बायोप्सी पर एक कार्यशाला आयोजित की।

उन्होंने कहा कि ष्हमें बाद के चरणों के बजाय पहले चरण में मुंह के कैंसर का पता लगाने में सक्षम होना चाहिए।ष् तंबाकू की तरह मुंह के कैंसर को सकारात्मक विपणन और बढ़ी हुई जागरूकता से लाभ हुआ है।

कार्यक्रम के दौरान डॉ. एके गड़पायले, चिकित्सा अधीक्षक शारदा अस्पताल, डीन ऑफ डेंटल साइंस डॉ. एम सिद्धार्थ भी मौजूद थे।


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