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डॉक्टर अपनी मांगों के लिए पहुंचेंगे दिल्ली...

चिकित्सा जगत की समस्याओं के निदान के लिए अब चिकित्सकों ने भी झंडा बुलंद करने के लिए 6 जून, 2017 को 'दिल्ली चलो’अभियान का आह्वान किया है

डॉक्टर अपनी मांगों के लिए पहुंचेंगे दिल्ली...
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नई दिल्ली। चिकित्सा जगत की समस्याओं के निदान के लिए अब चिकित्सकों ने भी झंडा बुलंद करने के लिए 6 जून, 2017 को 'दिल्ली चलो’अभियान का आह्वान किया है। आईएमए ने इस अभियान का ऐलान करते हुए कहा कि संभवत: अब तक के इस सबसे बड़े अभियान में शामिल होने के लिए पूरे चिकित्सा जगत से अपील की है ताकि चिकित्सकों से जुड़े विभिन्न गंभीर मुद्दों को प्रकाश में लाने, जागरूकता पैदा करने और एकमत बनाने में यह अभियान मील का पत्थर साबित होगा।

चिकित्सक पश्चिम बंगाल क्लिनिकल एस्टाब्लिशमेंट एक्ट के खिलाफ भी लामबंद हो रहे हैं।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल तथा आईएमए के मानद महासचिव डॉ. आरएन टंडन ने कहा, 'यह संभवत: मेडिसिन के इतिहास का सबसे मुश्किल दौर है। पूरे देश में चिकित्सक उत्तेजित और अशांत हैं यह समाज हित में नहीं है। इसीलिए विरोध मार्च राजघाट से सुबह आठ बजे शुरू होकर 11 बजे इंदिरा गांधी इन्डोर स्टेडियम पहुंचेगा। इस मार्च में पूरे देश से आये 50 हजार से अधिक डॉक्टर शामिल होंगे।

उन्होंने बताया कि मार्च में सभी 30 राज्यों के 50 से अधिक शहरों के डॉक्टर स्टेडियम में होने वाले सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, जबकि बाकी डॉक्टर वेबकास्ट के जरिये ऑनलाइन जुड़े रहेंगे।

डॉक्टरों की मांग है कि उनकी लापरवाही व लिपिकीय चूकों पर आपराधिक मामले न चलाये जायें, मेडिकल कर्मियों पर हिंसा के खिलाफ केंद्र सरकार कानून बनाये, डॉक्टरों पर सीपीए की क्षतिपूर्ति की सीमा तय हो, इलाज और पर्चा लिखने में चिकित्सकों को पेशेवर स्वायत्तता दी जाये, पीसी पीएनडीटी, सेंट्रल सीईए और वैस्ट बंगाल सीईए एक्ट में सुधार हो, चिकित्सा प्रणालियों का अवैज्ञानिक तरीके से मिश्रण न किया जाये, एमबीबीएस स्नातकों का सशक्तिकरण हो,

एक दवा, एक कंपनी, एक दाम, अंतर मंत्रालय समितियों की रिपोर्ट पर छह सप्ताह के भीतर अमल हो व सिंगल विंडो अकाउंटेबिलिटी तय हो। साथ ही डॉक्टरों व चिकित्सा संस्थानों का सिंगल विंडो रजिस्ट्रेशन हो, एनएमसी नहीं चाहिए, पेशागत स्वतंत्रता बनाये रखने के लिए आईएमसी में बदलाव हो व नेक्स्ट के स्थान पर सभी एमबीबीएस का एक साथ फाइनल एग्जाम हो वहीं मेडिकल डॉक्टरों व अन्य मेडिकल कर्मियों के लिए देष भर में समान सेवा शर्तें लागू हों और समान कार्य, समान वेतन, अस्थाई नियुक्तियों पर रोक लगे।


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